इस रहस्यमयी बीमारी की चपेट में आए 3 से 8 साल के बच्चे, सफेद हुए फेफड़े

इस रहस्यमयी बीमारी की चपेट में आए 3 से 8 साल के बच्चे, सफेद हुए फेफड़े

नई दिल्लीः चीन जैसी रहस्यमयी बीमारी अब अमेरिका में भी फैलने लगी है। इसके ज्यादातर पीड़ित 3 से 8 साल के बच्चे बताए जा रहे हैं। बीमारी से उनके फेफेड़े सफेद पड़ रहे हैं। अमेरिका के मैसाच्यूसेट्स और ओहायो में इस बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वहां इस बैक्टिरियल निमोनिया को व्हाइट लंग सिंड्रोम कहा जा रहा है। ओहायो के वॉरेन काउंटी में इस बीमारी के 142 मामले सामने आए हैं। मैसाच्यूसेट्स के डॉक्टरों का कहना है कि व्हाइट लंग सिंड्रोम चीन की रहस्यमयी बीमारी की तरह ही बैक्टिरियल और वायरल इंफेक्शन का मिक्सचर है।

वहीं, बीमारी फैलने के खतरे को देखते हुए अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने राष्ट्रपति बाइडेन से चीन पर ट्रैवल बैन की मांग की है। पांच सांसदों का कहना है कि बीमारी पर ज्यादा जानकारी के लिए WHO का इंतजार नहीं करना चाहिए। लोगों और अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए तुरंत चीन पर ट्रैवल बैन लगान की जरूरत है। व्हाइट लंग सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों के चेस्ट के एक्स रे में सफेद रंग के पैच दिखाई दे रहे हैं। ऐसा ज्यादातर दो तरह की बीमारियों में होता है। प्लमोनेरी एलविओलर माइक्रोलिथाइसिस यानी PAM और सिलकोसिस। PAM में फेफड़ों में कल्शियम जमना शुरू कर देता है। जिससे खांसी और छाती में दर्द के साथ सांस लेने में दिक्कत होती है। जबकि सिलकोसिस डस्ट, स्टोन और सिलिका जैसे पदार्थों के सांस के साथ अंदर जाने की वजह से होती है। इसमें भी लंग्स में सफेद धब्बे हो जाते हैं।

सीबीसी न्यूज के मुताबिक एक्सपर्ट का मानना है कि अमेरिका में फैल रहा व्हाइट लंग सिंड्रोम चीन की बीमारी से अलग है। अमेरिका में लोगों को कफ के साथ, तेज बुखार और शरीर में दर्द महसूस हो रहा। जबकि चीन की बीमारी में कफ नहीं बन रहा, पीड़ितों में खांसी, गले में दर्द, फेफड़ों में सूजन और सांस की नली में सूजन जैसे लक्षण दिख रहे हैं। हालांकि, दोनों में कुछ समानताएं भी हैं। जैसे दोनों बैक्टिरिया और वायरस का मिक्सचर बताई जा रही हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि दोनों बीमारियां इम्युनिटी की कमी की वजह से बच्चों को चपेट में ले रही हैं। न सिर्फ चीन बल्कि दुनिया भर में लॉकडाउन के दौरान बच्चे घरों में रहे। इसकी वजह से वो पर्यावरण में मौजूद बैक्टिरिया और वायरस को लेकर उनके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बन नहीं पाई। अब लॉकडाउन हटने के बाद जब वो बाहर निकल रहे हैं तो बीमारी पड़ रहे हैं।