'शरीफ' को आवास तो मिल गया अब, रोटी पकाकर खिलाने वाली चाहिए

'शरीफ' को आवास तो मिल गया अब, रोटी पकाकर खिलाने वाली चाहिए

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के शामली के ढाई फुट लंबाई वाले अजीम मंसूरी की शादी के बाद रायबरेली के मोहम्मद शरीफ के अरमान भी जगे हैं। ढाई फुट के मोहम्मद शरीफ ने सरकारी घर मिलने के बाद जिला प्रशासन से घरवाली यानी पत्नी की व्यवस्था कराये जाने की गुहार लगाई है। शरीफ ने जिलाधिकारी को अपना निकाह सामूहिक विवाह के दौरान कराये जाने की गुहार लगाई है। महाराजगंज जिले के रहने वाले मोहम्मद शरीफ का शारीरिक विकास नहीं हो सका है और 40 साल की उम्र पहुंचने के बाद भी वह महज ढाई फिट के हैं। कोई काम-धाम न करने के चलते परिवार वालों ने घर से निकाला तो प्रशासन से काफी पहले आवास की गुहार लगाई थी।

आवास तो मिल गया, लेकिन अब घरवाली की तलाश

जिला प्रशासन ने उन्हें प्रधानमंत्री आवास के तहत घर तो दे दिया लेकिन यहां अकेलापन उन्हें के कचोटने लगा। इसी अकेलेपन को दूर करने के लिए शरीफ जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव की चौखट पर दस्तक दी है। मोहम्मद शरीफ ने जिला प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा है कि वह शारीरिक रूप से अविकसित होने के चलते काम-काज करने में अक्षम हैं। किसी तरह रिश्तेदार या जानने वाले उनके पेट भरने का इंतजाम करते हैं।

रोटी के साथ ही रोटी पकाने वाली की गुहार

उन्होंने अब जिला प्रशासन से रोटी के साथ ही रोटी पकाने वाली की गुहार लगाई है। मोहम्मद शरीफ ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई है कि विभिन्न सरकारी योजनाओं में से उनके लिए उपयुक्त योजना से उनकी आर्थिक मदद के साथ ही निकाह कराया जाये. जिलाधिकारी ने मोहम्मद शरीफ के प्रार्थनापत्र को एडीएम प्रशासन के हवाले करते हुए उस कार्रवाई का निर्देश दिया है।