पंजाबः मान सरकार का बड़ा एक्शन, 6 अधिकारी किए बर्खास्त, जानें मामला

पंजाबः मान सरकार का बड़ा एक्शन, 6 अधिकारी किए बर्खास्त, जानें मामला

चंडीगढ़ः पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर पंजाब की मान सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। पंजाब सरकार ने 39 करोड़ रुपये के एससी पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल पाए गए 6 अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। इनमें से चार अधिकारी सामाजिक न्याय अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग में कार्य करते थे, जबकि दो वित्त विभाग में काम करते थे। बर्खास्त किए गए लोगों में उप निदेशक परमिंदर सिंह गिल, चरणजीत सिंह, उप नियंत्रक मुकेश भाटिया, अनुभाग अधिकारी राजिंदर चोपड़ा, दो वरिष्ठ सहायक राकेश अरोड़ा और बलदेव सिंह शामिल हैं। बर्खास्तगी के आदेश सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने दिए हैं।

यह घोटाला 2019 में तत्कालीन सामाजिक न्याय मंत्री साधु सिंह धर्मसोत के कार्यकाल के दौरान सामने आया था। तब तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव (सामाजिक न्याय) कृपा शंकर सरोज ने अपनी रिपोर्ट में अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति के वितरण में 55.71 करोड़ रुपये के कथित घोटाले का आरोप लगाया था। दावा किया गया था कि निजी संस्थानों को 16.91 करोड़ रुपये गलत तरीके से वितरित किए गए थे। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पहले से ही इस घोटाले की जांच कर रही है।

पंजाब की पिछली चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 1 जनवरी 2022 को इस मामले में 50 करोड़ रुपये और उससे अधिक की वसूली का सामना कर रहे संस्थानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का फैसला किया था। बताया गया था कि बाद में गलती से जारी की गई राशि की वसूली की जा सकती है। सत्ता में आने से पहले आम आदमी पार्टी स्कॉलरशिप के वितरण में हुई कथित गड़बड़ियों की जांच के लिए मुखर रही थी, लेकिन अब इस पर धरातल पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

वहीं अगस्त 2020 को पूर्व अपर मुख्य सचिव (सामाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक) कृपा शंकर सरोज ने छात्रवृत्ति वितरण में अनियमितता को लेकर तत्कालीन मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंपी थी। जांच पूर्व अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बीआर बंसल ने की थी। जांच अधिकारी ने बताया था कि तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा रिकॉर्ड किए गए नोटिंग पेज रिकॉर्ड से गायब पाए गए थे।