फार्मा फैक्टरी में पुलिस की रेड, दवाईयों को लेकर प्रशासन और पुलिस ने किए चौकाने वाले खुलासे 

फार्मा फैक्टरी में पुलिस की रेड, दवाईयों को लेकर प्रशासन और पुलिस ने किए चौकाने वाले खुलासे 

उत्तराखंड: नकली दवाओं को बनाने और बेचने के मामले में एक बार फिर कोटद्वार का नाम सामने आया है। बुधवार शाम को तेलंगाना के ड्रंग इंस्पेक्टर की अगुवाई में एक टीम ने स्थानीय पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सिगड्डी सिडकुल में एक फार्मा फैक्टरी में छापा मारा। जहां उन्हें दवाओं पर सिप्ला, ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (जीएसके), अल्केम और अरिस्टो जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के लेबल थे, लेकिन वास्तव में उनमें चॉक पाउडर था।

तेलंगाना के औषधि नियंत्रण प्रशासन और हैदराबाद पुलिस ने उत्तराखंड के कोटद्वार में स्थित नेक्टर हर्ब्स एंड ड्रग्स नामक दवा फैक्ट्री से संचालित एक अंतरराज्यीय नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया।

आरोपियों ने ऑगमेंटिन - 625, क्लैवम - 625, ओमनीसेफ-ओ 200, और मोंटेयर - एलसी के नकली उत्पाद बनाने और उन्हें कूरियर के माध्यम से विभिन्न राज्यों में भेजने की बात स्वीकार की।

अधिकारियों ने बताया कि फैक्ट्री कम से कम आधा दर्जन राज्यों को चाक पाउडर की आपूर्ति कर रही थी।

मालकपेट में छापेमारी के बाद नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ, जिसमें नकली एंटीबायोटिक एमपीओडी की 27,200 गोलियों के एक कार्टन का पता चला - 200 गोलियों की कीमत ₹7.43 लाख थी। साथ ही मूसाराम बाग के पास एक व्यक्ति को स्टॉक बेचते हुए पकड़ा गया।

अधिकारियों ने नकली ओमनीसेफ-ओ 200 टैबलेट (सेफिक्साइम टैबलेट आईपी 200 मिलीग्राम) की 38,350 गोलियां (3,835 स्ट्रिप्स), 60.27 किलोग्राम नारंगी रंग की गोलियां, 65.27 किलोग्राम सफेद रंग की गोलियां, 30.18 किलोग्राम नकली ओमनीसेफ-ओ 200 एल्युमिनियम फॉयल जब्त कीं। और 33.45 किलोग्राम नकली ओमनीसेफ-ओ 200 कार्टन (पैकिंग सामग्री) बरामद की है.

इस संगठित नेटवर्क में कई व्यक्ति शामिल थे: नकली दवाओं के लिए ऑर्डर देने वाले खरीदार, वितरक, नकली लेबल की व्यवस्था करने वाले व्यक्ति, दवाओं के निर्माण और पैकिंग में शामिल लोग, और उस इकाई के सीईओ जिसने नकली दवाओं के निर्माण की अनुमति दी थी। निर्माता सचिन कुमार और विशद कुमार समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस अंतरराज्यीय ऑपरेशन को "ऑपरेशन JAI" नाम दिया गया है।