PM का बड़ा एक्शन: खालिस्तानी फंडिंग पर बैन, 50 से ज्यादा अकाउंट फ्रीज

PM का बड़ा एक्शन: खालिस्तानी फंडिंग पर बैन, 50 से ज्यादा अकाउंट फ्रीज

लंदनः कनाडा के अलावा ब्रिटेन में भी खालिस्तान समर्थकों की  भारत विरोधी गतिविधियों में बड़ी बढ़ोत्तरी देखी गई है। इसके खिलाफ भारत के कड़े विरोध के बाद  ब्रिटेन ने  खालिस्तानी आतंकियों पर नकेल कसने के लिए बड़ा कदम उठाया है।  ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक द्वारा बनाई गई टास्क फोर्स ने खालिस्तानी फंडिंग पर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। पहली बार खालिस्तान को फंडिंग करने वाले 50 से ज्यादा अकाउंट फ्रीज किए गए हैं। ये सभी खाते भारत में प्रतिबंधित बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े हैं।

टास्क फोर्स ने खालिस्तान से जुड़े छद्म नाम वाले कथित समाजसेवी संगठनों की लिस्ट भी तैयार की है। टास्क फोर्स ने पाया कि ये संगठन भी खालिस्तानी समर्थकों को आश्रय देते हैं। टास्क फोर्स के सूत्रों के अनुसार आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने वाले संगठनों के खिलाफ जल्द ही बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा। टास्क फोर्स को लगभग दो महीने पहले ही बनाया गया है। इसमें भारतीय इंटेलिजेंस - एजेंसियों से भी इनपुट का आदान- प्रदान किया जा रहा है।  टास्क फोर्स ने सबसे पहले ब्रिटिश बैंकों में खालिस्तानी नेताओं और उनके समर्थकों के अकाउंट्स की वॉच लिस्ट तैयार की। फिर इन अकाउंट्स में विदेशों से ऑनलाइन और ब्रिटेन में ऑफलाइन जमा होने वाले एक लाख रुपए (लगभग एक हजार पाउंड) या इससे अधिक के लेन-देन की निगरानी की।

लगभग दो महीने तक इन संदिग्ध अकाउंट्स की लिस्ट बनाई और इन्हें फ्रीज कर दिया गया। इन अकाउंट्स में तीस करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी जमा बताई जाती है। टास्क फोर्स अगले चरण में और कड़ी कार्रवाई करेगी। ब्रिटेन में खालिस्तान के नाम पर सार्वजनिक स्थानों पर कलेक्शन बॉक्स पर भी रोक लगेगी। पिछले कुछ साल से ब्रिटेन में सार्वजनिक स्थानों पर चंदा जमा करने के लिए बॉक्स लगाए जाते रहे हैं। इस चंदे का प्रयोग खालिस्तानी गतिविधियों में होता रहा है। कलेक्शन बॉक्स धर्म स्थलों पर ही लगाए जा सकते हैं। अब बॉक्स के चंदे को भी संबंधित धर्मस्थल को अपने अकाउंट में दर्ज करना होगा।  बता दें कि भारत सरकार ने कनाडा से भी खालिस्तान समर्थकों को अब टास्क फोर्स की छह सदस्यों की फंडिंग रोकने के लिए कहा है लेकिन कनाडा सरकार ने टीम स्कॉटलैंड में भी जाएगी। इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है।