जालंधरः Dayanand Ayurvedic College के प्रिंसिपल सहित पिता-भाई-बहन पर मामला दर्ज 

जालंधरः Dayanand Ayurvedic College के प्रिंसिपल सहित पिता-भाई-बहन पर मामला दर्ज 

जालंधर, ENS: दयानंद आयुर्वेदिक कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। जहां पुलिस ने लंबी जांच के बाद प्रिंसिपल, सेंट्रल कौंसिल ऑफ इंडिया मैडिसिन के पूर्व सदस्य और पेपर देने वाली युवती के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस मामले की लंबी जांच के बाद कमिश्नरेट पुलिस ने डॉ. कर्णवीर सिंह, डॉ. रूपम सिंह, इन दोनों के पिता वैद्य जगजीत सिंह सभी निवासी सैक्टर 32 सी, चंडीगढ़ और दयानंद आयुर्वेदिक कालेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. राज कुमार शर्मा के खिलाफ 420, 120-बी के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। दरअसल, करीब 14 साल पहले गलत ढंग से पेपर करवाने का ये मामला सामने आया था। फिलहाल मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

धोखाधड़ी की धाराओं में दर्ज इस केस में जल्द ही पुलिस नोटिस जारी कर सभी संबंधितों को जांच में शामिल करेगी। अगर वह जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो फिर पुलिस उन्हें गिरफ्तार करेगी। मिली जानकारी के अनुसार ये मामला कमिशन ऑफ इंडियन सिस्टम एंड मैडिसिन, मिनिस्ट्री ऑफ आयुष (भारत सरकार) के ध्यान में भी लाया गया था। जिसके बाद उक्त विभागों द्वारा केस को लेकर सारी जानकारी मांगी गई थी। दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार होशियारपुर में खड़का रोज पर स्थित श्री गुरु रविदास आयुर्वेद यूनिवर्सिटी की डॉ. अंजू बाला ने पुलिस को बताया कि 14 फरवरी को होशियारपुर पुलिस के जरिए एक शिकायत उनके ध्यान में आई थी। उक्त शिकायत को जालंधर पुलिस कमिश्नर के साथ ट्रांसफर कर दिया गया। उक्त रिपोर्ट की जांच होशियारपुर में डीएसपी डिटेक्टिव द्वारा की गई थी।

उक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि हरियाणा के चरखी दादरी के रहने वाले मंजीत सिंह ने बताया कि वैद्य जगजीत सिंह 2007 में सैंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मैडिसिन नई दिल्ली में सदस्य थे। उनके बेटे डॉ. कर्णवीर सिंह निवासी सेक्टर 32 सी, चंडीगढ़ ने मैनेजमैंट कोटे में दयानंद आयुर्वेदिक कालेज में बीएएमएस करने के लिए सीट ली थी। साथ ही 2011 में वैद्य जगजीत सिंह की बेटी डॉ. रूपम सिंह ने भी बीएएमएस करने के लिए सीट ले ली। ये सीट जालंधर के मैनेजमेंट कोटे से दी गई थी।

आरोप है कि दोनों ने मात्र 25 प्रतिशत ही लैक्चर अटैंड किए, जबकि 75 प्रतिशत लैक्चर अटैंड ही नहीं किए। बता दें कि जिसकी अटेंडेंस पूरी नहीं होती, उसे पेपर देने की अनुमति नहीं दी जाती। लेकिन उनके पिता वैद जगजीत सिंह ने नई दिल्ली में सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन के सदस्य होने के नाते अपने दबाव से प्रिंसिपल डॉ. राज कुमार शर्मा से परीक्षा में बैठने के लिए रोल नंबर प्राप्त कर लिया। इन कागजातों की जांच डीएसी जालंधर ने की थी। जब इस बारे में अधिकारियों को पता चला तो एक शिकायत पहले होशियारपुर पुलिस को दी गई। वहां से इसकी सारी जांच जालंधर सिटी पुलिस को सौंप दी गई।