इनोसेंट हार्ट्स में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस

इनोसेंट हार्ट्स में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस

जालंधर/विजय: इनोसेंट हार्ट्स स्कूल के पाँचों स्कूलों (ग्रीन मॉडल टाऊन, लोहारां, कैंट जंडियाला रोड, रॉयल वर्ल्ड व कपूरथला रोड) में लिटरेरी क्लब द्वारा अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया। इसके अंतर्गत कक्षा आठवीं के विद्यार्थियों से 'कोरियोग्राफी ऑन फेमस फीमेल पर्सनैलिटीस' विषय पर अंतर्सदनीय प्रतियोगिता करवाई गई, जिसमें छात्राओं ने विभिन्न प्रसिद्ध महिलाओं का अभिनय करते हुए महिला सशक्तीकरण का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। छात्राओं का मॉडलिंग करते हुए आत्मविश्वास देखते ही बनता था। किसी ने मैरी कॉम, किसी ने इंदिरा गांधी तो किसी ने झांसी की रानी का किरदार निभाया। किसी ने 'तेरी मिट्टी में मिल जावां' देशभक्ति गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया। इस प्रतियोगिता में टेरेसा हाउस (ग्रीन मॉडल टाऊन), नेहरू हाउस (लोहारां), नेहरू हाउस (कैंट जंडियाला रोड), नेहरू हाउस (रॉयल वर्ल्ड) व टैगोर हाउस (कपूरथला रोड) प्रथम स्थान पर रहे।

इनोसेंट हार्ट्स कॉलेज ऑफ एजुकेशन, जालंधर की एनएसएस इकाई ने इस धारणा की वकालत करने के लिए कि लड़कियाँ जीवन के सभी क्षेत्रों में लड़कों से कम नहीं हैं और लैंगिक असमानता का समाधान खोजने के लिए अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया।

महिला केंद्रों और 'यूनीक होम - परित्यक्त बालिका अनाथालय' का दौरा किया गया, जो न केवल एक अनाथालय है, बल्कि कन्या-भ्रूण हत्या के खिलाफ एक अभियान है। महिला केंद्रों में एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा महान भारतीय महिलाओं - मैरी कॉम, कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स, मदर टेरेसा और कई अन्य की उपलब्धियों से संबंधित विषयों पर भाषण दिए गए ताकि प्रत्येक महिला में छिपी आंतरिक शक्ति को बाहर लाया जा सके। युवा लड़कियों को गुणात्मक शिक्षा से लैस करने और उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए यूनीक होम, जालंधर में विभिन्न शिक्षण रणनीतियों पर चर्चा की गई।

प्राचार्य डॉ. अरजिंदर सिंह ने कहा कि कॉलेज में एक 'ग्रीवेंस सेॅल' और एक 'गाइडेंस एंड काउंसलिंग सेॅल' है, जो महिलाओं की समस्याओं को हल करने में मदद करता है ताकि वे एक शांतिपूर्ण और सम्मानजनक जीवन जी सकें।

शैली बौरी (एग्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर, स्कूल्स) ने बताया कि आज के दौर में बेटी अपनी ख्वाहिशों, अपने सपनों को एक नई उड़ान दे रही है, बालिकाओं की इस उड़ान को बुलंदी तक पहुँचाने के लिए, उन्हें आगे बढ़ाने के लिए समाज का योगदान अत्यंत आवश्यक है ताकि समाज में बेटी को उचित सम्मान मिल सके।