भगवान प्रेम के भूखे हैं, वासनाओं का त्याग कर प्रभु से मिलन संभव है :आचार्य शिव शास्त्री

भगवान प्रेम के भूखे हैं, वासनाओं का त्याग कर प्रभु से मिलन संभव है :आचार्य शिव शास्त्री

ऊना/ सुशील पंडित : जिला ऊना के उपमंडल बंगाणा के अंतर्गत आते गांव कठोह में चल रही भागवत कथा के दौरान बताया गया कि श्रीमद् भागवत कथा बड़े से बड़े पापियों को भी पाप मुक्त कर देती है ।जो व्यक्ति भागवत कथा आत्मसात कर लेता है ,वह सांसारिक दुखों से मुक्त हो जाता है ।यह विचार सिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर कठोह गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक आचार्य शिव कुमार शास्त्री महाराज ने श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए प्रकट किया।

कथावाचक ने कहा कि जीवन में यदि मान बड़ा पद या प्रतिष्ठा मिल जाए तो उसे ईश्वर की कृपा मानकर भलाई के कार्य करना चाहिए, लेकिन यदि उसका जीवन में किंचित मात्र भी अभिमान हुआ तो वह पाप का भागीदार बना देता है। कहा कि अहंकार से भरे राजा परीक्षित ने जंगल से साधना कर रहे शमीक ऋषि के गले में मरा हुआ सर्प डाल दिया। परिणाम स्वरूप राजा परीक्षित को एक सप्ताह में मृत्यु का शाप मिला। जब परीक्षित ने अपने सिर से स्वर्ण मुकुट को उतारा तो उन पर से कलयुग का प्रभाव समाप्त हो गया और उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ। लेकिन जब तक बहुत देर हो चुकी थी। कथावाचक ने कहा कि जब जब भगवान के भक्तों पर विपदा आती है तब भगवान उनके कल्याण के लिए सामने आते हैं। परीक्षित को भवसागर से पार लगाने के लिए आप भगवान शुकदेव के रूप में प्रकट हो गए और श्रीमद् भागवत कथा सुनाकर परीक्षित को अपने चरणों में स्थान प्रदान किया ।उन्होंने महाभारत के कई प्रसंग भी सुनाए।

कर्ण और भगवान श्री कृष्ण के बीच संवाद को बताते हुए उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान जब कर्ण की भगवान कृष्ण से चर्चा हुई तो कर्ण नेकहा कि मृत्यु के बाद ऐसी जगह मेरा दाह संस्कार हो जहां आज तक किसी का नहीं हुआ। भगवान ने उसकी मृत्यु के बाद कर्ण का अंतिम संस्कार अपने हाथों से किया ।कृष्ण और विदुर का प्रसंग भी सुनाया गया। कथावाचक ने कहा कि नारायण की भक्ति में ही परम आनंद मिलता है ।उसकी वाणी सागर का मोती बन जाता है ।भगवान प्रेम के भूखे हैं ।वासनाओं का त्याग करके ही प्रभु से मिलन संभव है ।उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि वासना को वस्त्र की भांति त्याग देना चाहिए। भागवत कथा का जो श्रवण करता है भगवान का आशीर्वाद बना रहता है । इस दौरान मंदिर कमेटी प्रधान रिटायर्ड कर्नल टीसी राणा, डा. ओमप्रकाश, अजय जसवाल, परमजीत ,दिनेश ,हर्ष, प्रिंस, साहिल, रमेश ,मनोज ,देशराज, कृष्णा व बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।