साल का पहला चंद्र ग्रहण आज, जानें क्या है समय

साल का पहला चंद्र ग्रहण आज, जानें क्या है समय

नई दिल्ली: इस साल का पहला चंद्र ग्रहण आज लगने जा रहा है। यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। इस साल दो चंद्र ग्रहण लगने वाले है जिसमें पहला 5 मई को और दूसरा और आखिरी 28 अक्टूबर को लगेगा। दूसरा चंद्र ग्रहण आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। इस साल कुल चार ग्रहण, दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण देखने को मिलेंगे। पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगा था और वह संकर सूर्य ग्रहण था। दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगेगा और यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा।

चंद्र ग्रहण समय और सूतक काल 

पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 की रात 08:44 बजे से 01:00 बजे तक रहेगा। ज्योतिष के अनुसार, ये ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लगने जा रहा है। हिंदू पंचाग गणनाओं के अनुसार भारत में यह दिखाई नहीं देगा। हालांकि, वैज्ञानिकों के अनुसार भारत में कई हिस्सों में यह ग्रहण आसमान साफ होने पर देखा जा सकेगा। मान्यता है कि चंद्र ग्रहण में सूतक काल ग्रहण शुरू होने के 9 घंटे पहले से शुरू हो जाता है। ऐसे में सूर्य ग्रहण में सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू होता है। हालांकि, इस बार चूकी यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण है इसलिए हिंदू मान्यताओं के अनुसार इसे ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता और इसलिए इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा। सूतक काल में कई चीजों जैसे पूजा-पाठ आदि की मनाही होती है।

कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण?

साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत के कई हिस्सों में दिखाई पड़ सकता है। साथ ही यह ग्रहण यूरोप, एशिया के ज्यादातर हिस्से, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा। साल का पहला चंद्र ग्रहण बुद्ध पूर्णिमा के साथ पड़ रहा है। बता दें कि जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो चंद्र ग्रहण लग जाता है। 

उपच्छाया ग्रहण क्या होता है?

इस साल का पहला चंद्र ग्रहण उपच्छाया ग्रहण है। हर चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले चंद्रमा धरती की उपच्छाया में प्रवेश करता है, जिसे चंद्र मालिन्य कहा जाता है। जब चंद्रमा धरती की उपच्छाया में प्रवेश कर वहीं से बाहर निकल जाता है और उसका स्वरूप धुंधला सा दिखाई देने लगता है। इसे ही उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है। इस तरह के ग्रहण के दौरान चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य पूरी तरह से एक सीध में नहीं आ पाते हैं। धरती की आंशिक छाया ही चंद्रमा पर पड़ती है।