पंजाब में ESMA Act हुआ लागू, पढ़ें पत्र

पंजाब में ESMA Act हुआ लागू, पढ़ें पत्र

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आदेशों के पश्चात माल विभाग की तरफ से Esma act no. 13 ऑफ 1947 को लेकर अधिकृत पत्र जारी कर दिया गया है। इस आदेश के अनुसार, कोई भी कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकता है। जोकि 31 अक्तूबर तक लागू रहेगा।दरअसल, सी.एम. मान द्वारा दिए गए आदेशों के बाद रेवेन्यू विभाग ने ESMA एक्ट 1947 से संबंध में एक आधिकारिक पत्र जारी किया है।माल विभाग के स्पेशल चीफ सेक्रेटरी KAP सिन्हा द्वारा जारी किए गए अपने पत्र में लिखा गया है कि प्रदेश में भारी बारिश होने के चलते अधिकतर पानी इकट्ठा हो गया है l

जिसके चलते लगातार फ्लड गेट खोले जा रहे हैं और प्रभावित इलाकों में राहत कार्य भी चल रहे हैं l ऐसे में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की छुट्टी मंजूर नहीं की जा सकती है l इसी कारण पटवारी कानून और सर्कल रेवेन्यू अधिकारी के साथ-साथ अन्य अधिकारियों को इस राहत कार्य में काम करने की जरूरत है ताकि राहत कार्य को ठीक ढंग से किया जा सके।

सरकार के अनुसार, इन विभागों के कर्मचारियों की जरूरत बाढ़ के इन हालातों में हर समय है। इसलिए राजस्व विभाग में कार्यरत पटवारियों, कानूनगो और डिप्टी कमिश्नर के दफ्तरों में तैनात स्टाफ को अपना स्टेशन छोड़ने की मनाही रहेगी। वह हर समय अपने दफ्तर में मौजूद रहेंगे और जरूरत पड़ने पर उन्हें ड्यूटी पर उन्हें हाजिर होना पड़ेगा।

कर्मचारियों को ईस्ट पंजाब एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट 1947 (पंजाब एक्ट 1947 की सेक्शन-13) के तहत आगाह किया जाता है कि 31 अक्टूबर 2023 तक कोई भी कर्मचारी अपने क्षेत्र से बाहर नहीं जाएगा। यदि कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ अधिनियम में वर्णित पैनल प्रोविजन के तहत कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि एस्मा यानी एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट सरकार को मिला एक ऐसा हथियार है, जिसके जरिए वह जब चाहे कर्मचारियों के आंदोलन को कुचल सकती है। हड़तालों पर प्रतिबंध लगा सकती है। बिना वारंट के कर्मचारी नेताओं को गिरफ्तार कर सकती है। एस्मा लागू होने के बाद यदि कर्मचारी हड़ताल में शामिल होता है तो यह अवैध एवं दंडनीय माना जाता है।

उक्त कर्मचारी के खिलाफ सरकार कानूनी कार्रवाई कर सकती है। यह कानून लगने के बाद 6 महीने तक लागू रहता है। सरकारें एस्मा लगाने का फैसला इसलिए करती हैं, क्योंकि हड़ताल की वजह से लोगों को मिलने वाली आवश्यक सेवाओं पर बुरा असर पड़ने की आशंका होती है।