हत्या के मामले में कोर्ट का आया फैसला, देखें वीडियो

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पंचकूला : मर्डर मामले में युवक हुआ बड़ी वर्तमान मामला राम चरण (मृतक प्रीति के पिता) द्वारा दायर शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था कि उनकी बेटी सेक्टर -16 पंचकूला में एक घर में घरेलू नौकरानी के रूप में काम करती है और 27.05.2020 (लॉकडाउन के दौरान) को वह मृत पाई गई थी। इसके बाद पुलिस ने आवश्यक जांच कार्यवाही और अन्य औपचारिकताएं पूरी कीं। बाद में 29 मई 2020 को मुकुल पुत्र श्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। कमलेश पर आईपीसी की धारा 302,449, 201 के तहत एफआईआर नं. 143 दिनांक 29.05.2020 पुलिस स्टेशन - सेक्टर -14 में मामला दर्ज किया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में सेंट्रल जेल, अंबाला भेज दिया था। पुलिस ने बाद में वर्तमान मामले में कुल 19 गवाहों के साथ चालान/चार्जशीट दायर की है, जिनसे मुकदमे के दौरान पूछताछ की गई थी।

समीर सेठी और यवनीत ढाकला, अधिवक्ता ने वर्तमान मामले में आरोपी मुकुल का प्रतिनिधित्व किया। जिन्होंने वर्तमान मामले में गवाहों से जिरह की और अभियोजन पक्ष द्वारा कुल मिलाकर सभी 19 गवाहों से जिरह की गई।  यह समीर सेठी ओर से तर्क दिया गया था। आरोपी के वकील यवनीत ढाकला ने कहा कि आरोपी के प्रकटीकरण बयान और रिकवरी मेमो को दर्ज करने में अनियमितता थी और पुलिस अभियोजन ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत परिकल्पित उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। इसके अलावा मौजूदा मामले की एफआईआर दर्ज करने में भी देरी हुई। चूंकि मृतक प्रीति की मृत्यु 27 मई 2020 को हुई थी और एफआईआर 29 मई 2020 को दर्ज की गई थी, यानी कथित घटना के 2 दिन बाद, जो अभियोजन के मामले में संदेह पैदा करता है।

कानून का तय नियम है कि ठोस सबूत के बिना केवल संदेह को आधार नहीं बनाया जा सकता है और न ही किसी आरोपी को दोषी ठहराया जा सकता है। इसके अलावा वर्तमान मामले के जांच अधिकारी ने दूसरे मित्र कृष्ण कुमार यादव के केवल एक फोन नंबर का ही लोकेशन एकत्र किया है। उसने दूसरे फोन नंबर की लोकेशन क्यों नहीं जुटाई, यह वही जानता है। समीर सेठी और यवनीत ढाकला (आरोपी के वकील) द्वारा दिए गए तर्क पर विचार करने के बाद। माननीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने मुकुल को वर्तमान मामले में निर्दोष पाते हुए बरी कर दिया है।