गोल्डी बराड़ को लेकर हुआ बड़ा खुलासा

गोल्डी बराड़ को लेकर हुआ बड़ा खुलासा

चंडीगढ़ः सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मुख्य आरोपी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ भारत से बचने के लिए अमेरिका में शरण लेने की तैयारी में है। भारतीय एजेंसियों को इनपुट मिली है कि गोल्डी बराड़ कैलिफोर्निया में नागरिकता पाने के लिए कोशिश कर रहा है। वहीं भारत, कनाडा में छिपे बैठे खालिस्तान समर्थकों के दस्तावेज भी तैयार करने में जुटा हुआ हे। भारतीय डोजियर के अनुसार, गोल्डी 15 अगस्त, 2017 को कनाडा पहुंच गया था और बाद में अमेरिका भागने में सफल रहा। तब से, वह कैलिफोर्निया में एक नया ठिकाना स्थापित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। जांच से बचने के लिए एन्क्रिप्टेड संचार अनुप्रयोगों का उपयोग कर रहा है।

इंटेलिजेंस डोजियर से पता चलता है कि यह ठिकाना कैलिफोर्निया के फ्रेस्नो शहर में स्थापित करने का चाहवान है। एक डोजियर में अन्य खालिस्तानी और उनके सहयोगियों के बारे में भी जानकारी हासिल की गई है। आतंकी लखबीर लंडा को पाकिस्तान बैठे हरविंदर सिंह के करीबी के रूप में पहचाना जाता है। दस्तावेज लंडा के आपराधिक इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं। जिसमें 2022 की एक महत्वपूर्ण घटना भी शामिल है। जब उसने 4 नवंबर, 2022 को अमृतसर में शिवसेना नेता सुधीर सूरी की हत्या की बात खुले तौर पर स्वीकार की थी। लंडा ने इस वारदात की जिम्मेदारी ली और एक फेसबुक पोस्ट में चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि यह सिर्फ शुरुआत है।

वहीं, दूसरी तरफ भारत सरकार ने कनाडाई खालिस्तान समर्थकों के बारे में भी जानकारियां जुटानी शुरू कर दी है। इसी में एक में 66 साल के सतिंदर पाल सिंह का भी जिक्र है, जिसके मारे गए आतंकी हरदीप सिंह निज्जर से संबंध थे। फिलहाल सतिंदर पाल सिंह वैंकूवर में रहता है। उग्रवादी गतिविधियों में शामिल रहने के कारण वह 1974 में कनाडा चला गया था। 1979 में भारत लौटा और 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' में फैली अशांति के बाद वह फिर कनाडा चला गया। समय के साथ, सतिंदर ने तेजी से कट्टरपंथी विचारों को अपनाया और कनाडाई गुरुद्वारों के भीतर खालिस्तानी मुद्दे की सक्रिय रूप से वकालत की। विशेष रूप से, उन्हें 1986 में डॉ. सोहन सिंह द्वारा पंथिक समिति के सदस्य के रूप में नामित किया गया था।

इसके अलावा भारत द्वारा तैयार किए गए डोजियर में 22 के करीब खालिस्तानी समर्थकों का डाटा इकट्‌ठा किया जा रहा है। जिसमें स्नोवर ढिल्लन, सुलिंदर सिंह, मलकीत सिंह फौजी, गुरप्रीत सिंह, भगत सिंह बराड़, गुरजीत सिंह चीमा, सतिंदर पाल सिंह, हरप्रीत सिंह, गोल्डी बराड़, टहल सिंह, लखबीर सिंह लंडा, मनवीर सिंह धूरा, मोनिंदर सिंह बुआल, गुरजिंदर सिंह पन्नू, रमनदीप सिंह, मनदीप सिंह धालीवाल, सुंदीप सिंह, पर्वकार सिंह दुलाई, मनवीर सिंह, अर्शदीप सिंह डल्ला और हरदीप सिंह निज्जर जो जून में मारा गया था, के नाम भी शामिल हैं।