बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, जानें मामला

बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, जानें मामला

नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें योग शिविर के लिए सर्विस टैक्स देने को कहा है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को अपीलीय ट्रिब्यूनल के फैसले को बरकरार रखा है। इस फैसले में पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को आवासीय और गैर-आवासीय दोनों योग शिविरों के आयोजन के लिए सर्विस टैक्स का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी ठहराया गया था। इसके साथ अदालत ने सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय ट्रिब्युनल की इलाहाबाद पीठ के 5 अक्टूबर, 2023 के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। दरअसल CESTAT ने माना था कि पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट द्वारा आयोजित योग शिविर - जो भागीदारी के लिए शुल्क लेता है। ये "स्वास्थ्य और फिटनेस सेवा" की श्रेणी में आता है और इस पर सेवा कर लगता है।

इन शिविरों में 'योग' और 'ध्यान' की शिक्षा किसी एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरी सभा को एक साथ दी जाती है. किसी भी व्यक्ति की विशिष्ट बीमारी/शिकायत के लिखित, निदान और उपचार के लिए कोई नुस्खे नहीं बनाए जाते हैं। ट्रस्ट ने प्रवेश शुल्क को दान के रूप में  एकत्र किया था। उन्होंने विभिन्न मूल्यवर्ग के प्रवेश टिकट जारी किए। टिकट धारक को टिकट के मूल्य के आधार पर अलग-अलग विशेषाधिकार दिए गए थे। पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट द्वारा आयोजित योग शिविर - जो शुल्क लेता है - "स्वास्थ्य और फिटनेस सेवा" की श्रेणी में आता है और इस पर सेवा कर लगता है।