नशीली दवाओं के कारोबारी पर केस दर्ज

नशीली दवाओं के कारोबारी पर केस दर्ज

ऊना/ सुशील पंडित : ऊना से आठ किमी दूर बसोली गांव में नशीली गोलियों के कारोबारी पर एक और मामला दर्ज हो गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बसोली गांव से नशा कारोबारी से जो नशीली दवा के पत्ते मिले थे उनका मिलान जब असली ब्रांड की दवाइयों से किया गया तो उनमें भिन्नता पाई गई। अर्थात, बसोली के नशा कारोबारी बलराम सिंह जिन नशीली दवा की गोलियों का व्यापार करता था उसे बनाने का फॉर्मूला बाजार में बिकने वाली असली दवाओं से भिन्न था। इस मिलान और टेस्टिंग के लिए ऊना के ड्रग इंस्पेक्टर पंकज शर्मा ने टाहलीवाल औद्योगिक क्षेत्र की मेफ्रो ऑर्गेनिक लिमिटेड के प्लांट मैनेजर केवल सिंह को जांच के लिए बुलाया था। क्योंकि जांच टीम को टाहलीवाल की कंपनी के नाम के भी कुछ पत्ते घटनास्थल पर हुई छापेमारी के दौरान मिले थे।


कंपनी के मैनेजर केवल सिंह की टीम ने जब बलराम से जब्त दवाइयों की जांच की तो वे तय मानकों पर खरी नहीं उतरीं। टाहलीवाल की इस कंपनी के मैनेजर ने आरोप लगाया है कि बलराम सिंह असली दवाइयों के नकली नमूने बनाकर बेच रहा था। बसोली से जब्त दवाइयां भी टाहलीवाल के प्लांट में निर्मित नहीं हैं। ये सारी जांच बलराम सिंह की पत्नी मधुबाला के सामने हुई। इसके उपरांत सदर थाने में अब मैफ्रो ऑर्गेनिक लिमिटेड की शिकायत पर बलराम सिंह पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 अर्थात धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।