नए प्रस्तावित कानून के अनुसार फेक न्यूज फैलाने पर होगी इतने साल की सजा 

नए प्रस्तावित कानून के अनुसार फेक न्यूज फैलाने पर होगी इतने साल की सजा 

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार, 11 अगस्त को लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 पेश किया। प्रस्तावित विधेयक को फिलहाल  समीक्षा के लिए स्थायी समिति को भेजा गया है। इसमें कुछ ऐसे अपरधों के लिए भी सजा का प्रावधान किया गया है जिनके लिए पहले कोई विशेष कानून नहीं था। ऐसा ही एक अपराध है फेक न्यूज फैलाना।

अब भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 के प्रस्तावों के अनुसार धारा 195 के तहत भारत की संप्रभुता और सुरक्षा को खतरे में डालने वाली 'फर्जी खबर या भ्रामक जानकारी' फैलाने वालों से के लिए खास प्रावधानों का जिक्र किया गया है। ऐसा करने वाले को तीन साल तक की कैद की सजा दी जाएगी। 

धारा 195 (1) डी में लिखा है, "यदि कोई भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता या सुरक्षा को खतरे में डालने वाली झूठी या भ्रामक जानकारी फैलाता है या प्रकाशित करता है, तो उसे कारावास से दंडित किया जाएगा।  जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है। सिर्फ जुर्माना या जुर्माना या जेल दोनों की सजा हो सकती है।"

यह अनुभाग नए प्रस्तावित बिल के अध्याय 11 के तहत 'सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराधों' के तहत 'राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिकूल आरोप, दावे' विषय के तहत शामिल है। गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए जिनका उद्देश्य भारतीय नागरिकों को न्याय देना और संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों की रक्षा करना है। विधेयक पेश करते हुए शाह ने कहा कि इन तीन नए कानूनों की आत्मा नागरिकों को संविधान द्वारा दिए गए सभी अधिकारों की रक्षा करना होगा।