पंजाब : ट्रैक्टर मार्च के दौरान किसानों ने महापंचायत का किया ऐलान, देखें वीडियो

पंजाब : ट्रैक्टर मार्च के दौरान किसानों ने महापंचायत का किया ऐलान, देखें वीडियो

अमृतसर : आज देशभर में 400 किसान संगठनों ने अपने ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर निकले है। जिसके तहत आज किसान संगठन अपने घरों से ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर उतरे ताकि हम मोदी सरकार को दिखा सकें कि किसानों में कितनी एकता है। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वाहन पर सोमवार को गांवों के किसान शहर की सड़कों पर ट्रैक्टर लेकर निकले हैं। गोल्डन गेट के आगे किसान संघर्ष कमेटी की ओर से लाइन से ट्रैक्टर लगा दिए गए हैं और मांगे ना मानने पर संघर्ष तेज करने की चेतावनी दी है।

उन्होंने ऐलान किया कि 14 मार्च को दिल्ली में किसानों की महापंचायत होकर रहेगी उसे कोई रोक नहीं सकता। किसान संघर्ष कमेटी की ओर से सोमवार को गोल्डन गेट के आगे किसान ट्रैक्टर लेकर खड़े हो गए हैं। उन्होंने दिल्ली की तरफ ट्रैक्टर का मुंह करके ट्रैक्टरों को पार्क किया है। किसानों का कहना है कि अभी तक वो शांतमयी तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं और अगर ट्रैक्टर का मुंह दिल्ली की तरफ इसीलिए किया गया है कि वो बताना चाहते हैं कि अगर वो चाहे तो दिल्ली जा सकते हैं फिर सरकार चाहे कोई भी हथकंडे अपना ले उन्हें रोक नहीं सकती।

इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए किसान नेता गुरदेव सिंह वरपाल और उनके साथियों ने मीडिया को बताया कि सरकार किसानों के सब्र की परीक्षा ले रही है। वो शांतमई तरीके से प्रदर्शन करना चाहते थे लेकिन उन्होंने उन्हें जाने नही दिया। अब वो संघर्ष तेज करेंगे और अपनी मांगों को मनवा कर रहेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अपने वादे से मुकर रही है एमएसपी का वादा किया गया था लेकिन वो पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि किसानों के खिलाफ सरकार की मंशा बिलकुल ही गलत है। वो 13 महीने पहले बैठे रहे।

उस दौरान उनके काले कानून तो रद्द कर दिए गए, लेकिन बाकी वादों से सरकार मुकर गई। इसीलिए अब संघर्ष किया जा रहा है। एक तरफ वो मीटिंग्स कर रहे हैं और दूसरी तरफ पंजाब सरकार भी केंद्र सरकार के साथ दलाली कर रही है लेकिन किसानों मजदूरों को कुछ भी दिया नही जा रहा। इसीलिए अब नए तरीके से संघर्ष को और तेज किया जाएगा चाहे अब कोड ऑफ कंडक्ट लग जाए लेकिन अब सरकार के हाथ में है की वो मांगे कोड लगने के बाद पूरी करेंगे जा फिर उससे पहले। तक तक किसान सड़कों पर ही रहेंगे।