पंजाबः गन कल्चर को लेकर एक्शन में सीएम भगवंत मान, किया ये बड़ा ऐलान

पंजाबः गन कल्चर को लेकर एक्शन में सीएम भगवंत मान, किया ये बड़ा ऐलान

चंडीगढ़: पंजाब सरकार हथियार लाइसेंस को लेकर जल्द बड़ा फैसला लिया है। बता दें कि पंजाब में करीब तीन लाख लाइसेंस है जिन पर मान सरकार ने सख्ती से कार्रवाई करने के आदेश जारी किए है। सीएम भगवंत मान की सरकार की तरफ से जारी किए गए नोटिफिकेशन में गन कल्चर के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए हैं। सीएम भगवंत मान ने अभी तक जारी सभी हथियारों के लाइसेंस की अगले 3 महीनों के भीतर पूरी समीक्षा करने के लिए कहा है।

इसके साथ ही नए असला लाइसेंसों के बनने पर भी रोक लगा दी है। जब तक डीसी व्यक्तिगत तौर पर संतुष्ट न हों और तब तक नया असला लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर हथियारों की नुमाइश करने पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। पुलिस को राज्य में रैंडम चेकिंग के भी आदेश जारी कर दिए हैं। सीएम भगवंत मान ने हेट स्पीच पर अंकुश लगाने का प्रयास किया है। अगर कोई किसी जाती, समुदाय के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करता है या इससे किसी दूसरे की व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में आती है तो इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मान सरकार ने गीतों में गन कल्चर प्रमोट करने पर भी पाबंदी लगा दी है। हथियारों या हिंसा का गुनगान करने वाले गीत बैन किए जाएंगे। इतना ही नहीं, सामूहिक इकट्‌ठ, धार्मिक कार्यक्रमों, शादी या अन्य समारोह में भी हथियार लेकर जाने पर भी रोक लगाई गई है। इससे सार्वजनिक तौर पर लोगों की जान-माल को खतरा होता है। ऐसा करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।

  • अब तक जारी सभी हथियारों के लाइसेंस की अगले 3 महीनों के भीतर पूरी समीक्षा की जाएगी। कोई नया हथियार लाइसेंस तब तक नहीं दिया जाएगा, जब तक कि डीसी व्यक्तिगत रूप से संतुष्ट न हो कि ऐसा करने के लिए असाधारण आधार मौजूद हैं।
  • हथियारों का सार्वजनिक प्रदर्शन (सोशल मीडिया पर प्रदर्शन सहित) सख्त वर्जित होगा।
  • आने वाले दिनों में अलग-अलग इलाकों में रैंडम चेकिंग की जाएगी।
  • हथियारों या हिंसा का महिमामंडन करने वाले गाने सख्त वर्जित होंगे।
  • एफआईआर दर्ज की जाएगी और किसी भी समुदाय के खिलाफ अभद्र भाषा बोलने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
  • हथियारों का जल्दबाजी या लापरवाह उपयोग या जश्न की फायरिंग में जिससे मानव जीवन या दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में पड़ जाए, एक दंडनीय अपराध होगा क्योंकि उल्लंघन करने वाले के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।