पंजाबः हनीट्रैप में फंसकर व्यक्ति ने की खुदकुशी, फोन को हैक कर जुटाई जानकारी, देखें वीडियो 

पंजाबः हनीट्रैप में फंसकर व्यक्ति ने की खुदकुशी, फोन को हैक कर जुटाई जानकारी, देखें वीडियो 

फिरोज़पुर : पंजाब में लगातार आम लोग हनी ट्रैप और मोबाइल हैकर्स व ब्लैकमेलरो के ट्रैप में फसकर लाखो रुपये की ठगी का शिकार हो चुके है और कई लोग तो इसमें फसकर परेशान हो कर आत्महत्या कर अपनी जान भी गवा चुके है ऐसा ही एक मामला जिला फ़िरोज़पुर के कस्बा मुदकी से सामने आया है। जहां 42 वर्षीय  प्रभजीत सिंह भी हनी ट्रैप में फस गया जिसको मोबाइल हैकर उसको ब्लैकमेल कर उससे लाखो रुपये हेठ चुके थे उसके पास से ओर पैसों की मांग कर रहे थे जब उसके पास उनको देने के लिए ओर पैसे नही रहे तो उसको मजबूरन अपने ही घर के बाथरूम में फंदा लगाकर आत्म हत्या कर अपनी जीवन लीला सम्पात करनी पड़ी। उसकी मौत के बाद परिवारिक सदस्यों को उसके घर से मिले एक सुसाइड नोट से सारी घटना के बारे में पता चला कि प्रभजीत सिंह कुछ मोबाइल हैकरों के जाल में फस गया था और उनके द्वारा ब्लैकमेल करने से परेशान होने के बाद उसने आत्म हत्या की है।

परिवार द्वारा इसकी सारी जानकारी पुलिस को दी गई है जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने परिवार के बयानों पर 174 की कारवाई कर दी पीड़ित परिवार ने आज प्रेस वार्ता कर ये मांग कर रहा है कि प्रभजीत को आत्महत्या के लिए परेशान करने वाले लोगो को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ बनती सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए मगर पुलिस पारिवारिक सदस्यों को आगे की कारवाई करने की बात कह रहा है मगर परिवार का कहना है कि अगर जल्द आरोपियों के खिलाफ बनती कार्रवाई न की गई तो आरोपी ओर किसी ओर को इस जाल में फसकर आत्महत्या के लिए मजबूर करेगे ।

परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है मृतक प्रभजीत सिंह के दो छोटे बच्चे है और प्रभजीत सिंह एक गैंस सिलेंडर एजंसी में मैनेजर की नोकरी कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था मगर उसके फ़ोन पर आए एक फ़ोन के बाद प्रभजीत सिंह मोबाइल हैकरों के जाल में फसता चला गया और सब कुछ गवाने के बाद मजबूरन उसको आत्महत्या करनी पड़ी अब उसकी पत्नी अपने पति की मौत के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए दर बा दर की ठोकरे खानी पड़ रही है। 

पीड़ित परिवार द्वारा इंसाफ़ की माँग को लेकर की गई प्रेस वार्ता के बाद पुलिस प्रशासन भी हरकत में जरुर आया मगर अभी तक पुलिस के हाथ बिलकुल ख़ाली है जिसके कारण पत्रकारों के कैमरे के आगे कुछ बोलने के लिए पुलिस प्रशासन तयार नहीं है ।