ED की आरोपी को भारत लाने की तैयारी शुरू
चंडीगढ़: दिल्ली सीबीआई ने 8 अगस्त 2016 को इस घोटाले का खुलासा किया था। आरोप था कि इंडियन ओवरसीज बैंक की चंडीगढ़ शाखा के फॉरेक्स डिपार्टमेंट में 2010 से तैनात आशु मेहरा और अन्य लोगों ने मिलकर हांगकांग की कंपनी को फायदा पहुंचाया था। जिसके चलते इंडियन ओवरसीज बैंक समेत पंजाब नेशनल बैंक, दुबई और बैंक ऑफ बड़ौदा बहामास ब्रांच को 47.86 मिलियन अमेरिकी डॉलर का लोन मिला था।
इस मामले मे बैंकों से 300 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी कर थाईलैंड में छिपे सुखविंदर सिंह छाबड़ा की मुश्किलें बढ़ने वाली है। ईडी इस मामले में आरोपी को भारत लाने की तैयारी कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले की जानकारी चंडीगढ़ स्थित प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की विशेष अदालत में दी।
छाबड़ा पर इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा से करीब 300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में फरार रहने का आरोप है। सी.बी.आई. व ईडी द्वारा दर्ज किए गए मामले के बाद मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं के तहत जांच शुरू की गई। मामले में कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है।
जानकारी के मुताबिक इंडियन ओवरसीज बैंक के अधिकारियों और कुछ कारोबारियों की मिलीभगत से बैंकों को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया। आरोपी बैंक अधिकारियों ने हांगकांग की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया। दिल्ली सीबीआई ने घोटाला उजागर होने के बाद सुखविंदर सिंह छाबड़ा समेत 50 आरोपियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामला दर्ज किया था।
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