बाबा बाल जी आश्रम में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा से श्रोता हुए मंत्र मुग्ध

बाबा बाल जी आश्रम में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा से श्रोता हुए मंत्र मुग्ध
बच्चों को धर्म व आध्यात्म का ज्ञान दिया जाना चाहिए: ठाकुर कृष्ण चंद्र शास्त्री

ऊना/सुशील पंडित :बाबा बाल जी आश्रम कोटला कलां के राधा कृष्ण  मंदिर में जारी श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन भक्त प्रहलाद प्रसंग सुनाया गया। कथा व्यास ठाकुर कृष्ण चंद्र शास्त्री जी महाराज ने कहा कि भक्त प्रहलाद ने माता कयाधु के गर्भ में ही नारायण नाम का मंत्र सुना था। जिसके सुनने मात्र से भक्त प्रहलाद के कई कष्ट दूर हो गए थे। कथा का आगाज गुरु वंदना के साथ किया गया। इसके उपरांत उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की पावन लीलाओं का वर्णन किया।

उन्होंने कहा कि बच्चों को धर्म का ज्ञान बचपन में दिया जाता है। वह जीवन भर उसका ही स्मरण करता है। ऐसे में बच्चों को धर्म व आध्यात्म का ज्ञान दिया जाना चाहिए। माता-पिता की सेवा व प्रेम के साथ समाज में रहने की प्रेरणा ही धर्म का मूल है। अच्छे संस्कारों के कारण ही ध्रुव जी को पांच वर्ष की आयु में भगवान का दर्शन प्राप्त हुआ। इसके साथ ही उन्हें 36 हजार वर्ष तक राज्य भोगने का वरदान प्राप्त हुआ था। ऐसी कई मिसालें हैं जिससे सीख लेने की जरूरत है। इस दौरान आश्रम में पधारे हुए भक्तों ने बाबा बाल जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया