कॉलेज में प्रिंसिपल-प्रोफेसर और SDPO-SDM के बीच मारपीट, VIDEO वायरल

कॉलेज में प्रिंसिपल-प्रोफेसर और SDPO-SDM के बीच मारपीट, VIDEO वायरल

गोपालगंजः बिहार के जिला गोपालगंज में लोकसभा के चुनाव का मतदान 25 मई को है। यहां वोटिंग से पहले शिक्षा विभाग और हथुआ एसडीएम व एसडीपीओ के बीच बड़ा विवाद खड़ा हो गया। विवाद इस कदर बढ़ा कि अधिकारियों और प्रोफेसरों के बीच धक्का-मुक्की व हाथापाई की नौबत आ गई। मामला जयप्रकाश विश्वविद्यालय के गोपेश्वर महाविद्यालय का बताया जा रहा है। शौचालय निर्माण को लेकर हुए विवाद की शिकायत चुनाव आयोग तक पहुंच चुकी है, पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

गोपेश्वर कॉलेज में 4 मई को प्रशासन की ओर से शौचालय का निर्माण कराया जा रहा था। प्रिंसिपल महेश कुमार चौधरी का आरोप है कि महाविद्यालय कॉमन रूम के पास बिना किसी अनुमति के निर्माण कराया जा रहा था। निर्माण कार्य में लगे कर्मियों को कॉमन रूम से थोड़ी दूरी पर निर्माण कार्य करने के लिए कहा गया। इसके बाद महाविद्यालय परिसर में हथुआ एसडीएम अभिषेक कुमार और एसडीपीओ आनंद मोहन गुप्ता आ गए और शिक्षक तथा शिक्षकेत्तर कर्मचारी को धमकाते हुए गली गलौज करने लगे।

कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. प्रकाश गुप्ता, डॉ संतोष गुप्ता, डॉ राजेश कुमार रत्नाकर, डॉ आदित्य कुमार और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के साथ मारपीट करने लगे. फिर एफआईआर भी करने के लिए धमकाया गया। साथ ही कॉलेज को 3:00 बजे तक खाली करने को कहा गया। वहीं, घटनाक्रम का वीडियो बना रहे एक प्रोफेसर का फोन भी एसडीपीओ के द्वारा छीन लिया गया और अपने साथ ले गए। प्रिंसिपल ने इस पूरे मामले को लेकर जिला निर्वाचन पदाधिकारी, पुलिस कप्तान, विश्वविद्यालय के कुलपति, रजिस्टार, मुख्य निर्वाचन आयोग को कार्रवाई के लिए शिकायत भेजी है।

हथुआ एसडीएम अभिषेक कुमार रंजन ने बताया कि लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए प्रशासन द्वारा लगातार मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण के क्रम में कल एसडीपीओ हथुआ के साथ गोपेश्वर कॉलेज में मतदान केंद्र का जायजा लेने पहुंचे थे, जहां पर शौचालय का निर्माण कर रहे कर्मियों को काम बंद कराकर भगाया जा रहा था। प्रिंसिपल से अस्थायी निर्माण कराने का रिक्वेस्ट किया गया, लेकिन वहां मौजूद कुछ लोग थे, जो विरोध करते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगें।

सुरक्षाकर्मियों के द्वारा समझाया गया, लेकिन किसी के साथ मारपीट या गाली-गलौज नहीं किया गया। चुनाव आयोग की गाइडलाइंस में है कि सभी मतदान केंद्रों पर शौचालय समेत तमाम सुविधाएं होनी चाहिए, लेकिन कॉलेज में शौचालय तक नहीं था, इसलिए अस्थायी शौचालय का निर्माण कराया जा रहा था।