भारत में नहीं बिकेंगे चाइनीज़ खिलौने, जाने वजह

भारत में नहीं बिकेंगे चाइनीज़ खिलौने, जाने वजह

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के एक फैसले से चीन को कड़ी चोट पहुंची है। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने अभी तक लगभग 160 चीनी कंपनियों को भारत में खिलौने बेचने के लिए अनिवार्य क्वालिटी सर्टिफिकेट जारी नहीं किया है, हालांकि कोविड-19 महामारी को देरी का कारण बताया। इस फैसले से चीन से आयात होने वाले खिलौने के कारोबार पर असर पड़ा है क्योंकि दुनियाभर में चीन खिलौनों के बड़े निर्यातकों में से एक है और भारत में भी चाइनीज टॉयज की काफी बिक्री होती है।


भारत की सरकार ने जनवरी 2021 से देश में खिलौनों की बिक्री के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से ‘ISI’ का गुणवत्ता प्रमाणन चिह्न प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया है। बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, “लगभग 160 चीनी खिलौना कंपनियों ने पिछले 2 वर्षों में बीआईएस गुणवत्ता प्रमाणन के लिए आवेदन किया है। हमने अभी तक उन्हें कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जारी नहीं किया है।  एक अनुमान के अनुसार, भारत में टॉय इंडस्ट्री का 1.5 अरब डॉलर का कारोबार है और 2024 तक यह बढ़कर 2 से 3 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

भारत में खिलौनों के इस बड़े बाजार पर चाइनीज टॉयज का दबदबा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत ने 2018-19 में खिलौनों का जितना आयात किया था, उसमें 78 फीसदी इम्पोर्ट चीन से हुआ था। हालांकि, धीरे-धीरे चीन से आयात होने वाले खिलौनों की संख्या घटी है, साल दर साल चाइनीज टॉयज का इंपोर्ट धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। हालांकि, अब 160 चीनी कंपनियों चीन को भारत में खिलौने बेचने के लिए अनिवार्य क्वालिटी सर्टिफिकेट जारी नहीं होने से यह आयात और कम हो सकता है इसलिए खिलौने बनाने वाली स्वदेसी कंपनियों को इसका सीधा लाभ मिल सकता है।