बीबीएन में वरुण देवता का कहर, बददी आने वाले सभी रोड बन्द, पुल टूटे

बीबीएन में वरुण देवता का कहर, बददी आने वाले सभी रोड बन्द, पुल टूटे

बीबीएन के पुल बन्द, हरियाणा व पंजाब से टूटा संपर्क

टापू बनकर रह गया बददी

बददी/सचिन बैंसल : लगातार तीसरे दिन हो रही भारी बारिश से आखिर एशिया का सबसे बडा इंडस्ट्रियल एरिया अब एक टापू बनकर रह गया है। बददी की कनेक्टिवीटी हरियाणा के साथ साथ पूरे भारत से कट गई है। चारो ओर त्राहि त्राहि मची हुई है और प्रशासन भी हाथ खडे नजर आ रहे हैं। पहाड़ के पानी से सोलन जिले का मैदान इलाका पूरी तरह हिल गया है। कसौली फुटहिल्स की पहाडियों से होकर बददी बरोटीवाला पहुंच पानी ने इतना रौद्र रुप दिखाया कि उसने यहां के दोनो पुल हिला दिए। झाडमाजरी के नए लक्कड डिपो पुल में हल्की सी दरारें आने से उसको रोका गया है वहीं बददी-पिंजौर हाईवे पर बना पुल भी आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है। वहीं हिमाचल प्रदेश के इस औद्योगिक हब के लिए एक और बुरी खबर सामने आई जब चरणियां कीरतपुर पुल (पंचकूला) हरियाणा सोमवार को बारिश का दबाव न झेल सका और चल बसा। इस पुल के कारण अब बददी का संपर्क दिल्ली-अंबाला से टूट गया है। अब मालवाहक वाहन नालागढ़ रोपड ही हरियाणा व दिल्ली जा पाएंगे। कुल मिलाकर पिछले दो दशक की सरकारों की अनदेखी व दूरदर्शिता होने के कारण व भविष्य के संकटों व आहट की ओर ध्यान ने देने से आजादी के बाद पहली बार ऐसी स्थिति बनी है। इस कारण हिमाचल का उद्योग जगत पूरी तरह से हिल गया है। कंपनियों को रोज करोडों रुपये का नुक्सान झेलना पड रहा है।
कल शाम से ही बीबीएन से दिल्ली मुंबई व जयपुर के लिए ट्रक रवाना नहीं हो पाए। आज ट्रकों को आज थी हम तैयार माल लेकर निकलेंगे लेकिन तब पुलिस ने मेन हाईवे बददी टोल बैरियर पुल को एहतियात के तौर पर बंद कर दिया। उसके बाद ट्रकों ने कोशिश की कि वो बरोटीवाला से होकर जाएं तो झाडमाजरी पुल को पुलिस ने बंद कर दिया। उसके बाद चरणियां हरियाणा का पुल गिर गया जिससे हरियाणा जाना भी एक मिशन कश्मीर हो गया। हालांकि पुलिस प्रशासन व बिजली बोर्ड मोर्चा संभाले रहा लेकिन ट्रैफिक की वजह व औद्योगिक कर्मचारियों की वजह से प्रशासन को दिक्कतें झेलनी पडी। यह कर्मचारी अपनी जान की परवाह न करते पुलों से निकलने पर आमदा थे और रोके नहीं रुक रहे थे। बाद में सीपीएस रामकुमार ने आपदा प्रबंधन को लेकर एसपी आफिस में अधिकारियों संग बैठक करके उनको उचित दिशा निर्देश दिए। उन्होने कहा कि वो स्वयं भी दिन रात इस आपदा में हर चीज पर स्वयं नजर रखे हुए हैं और स्वयं मौके पर जाकर जायजा ले रहे हैं।
इस विषय में फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्रीज के प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्र शर्मा व युवा उद्यमी राहुल बंसल ने कहा कि दो दशक पहले पैकेज आया था लेकिन तब से सरकारों ने बददी बरोटीवाला को मात्र टैक्स उगाही का जरिया बनाकर रखा और विकास की ओर ध्यान नहीं दिया। नालागढ़ प्रशासन की बरसात पूर्व की तैयारियां अधूरी थी।  मारुति इंडस्ट्रीज के निदेशक पंकज गुप्ता ने कहा कि अगर सरकारों ने भविष्य के संकटों का दूरदर्शिता से हल किया होता तो बददी आज काला पानी की तरह टापू न बनता।
 
कैपशन-बददी टोल बैरियर पर बंद किया गया ट्रैफिक। बददी-1
कैपशन-लक्कड पुल झाडमाजरी पर रोका गया ट्रैफिक। बददी-2
कैपशन-बददी नालागढ हाईवे पर डयूटी पर जाते कामगार। बददी-3
कैपशन-बाल्द नदी पर पहाडों से आए हुए पानी का जोरदार बहाब। बददी-4