पंजाब : पुलिस एक्ट संशोधन बिल को विधानसभा में मिली मंजूरी, अब सरकार अपनी मर्जी का DGP कर सकेगी नियुक्त

पंजाब : पुलिस एक्ट संशोधन बिल को विधानसभा में मिली मंजूरी, अब सरकार अपनी मर्जी का DGP कर सकेगी नियुक्त

चंडीगढ़ : पंजाब की भगवंत मान सरकार राज्य में अपनी मर्जी के पुलिस अफसर को डीजीपी नियुक्त कर सकेगी। विधानसभा में मंगलवार को आप सरकार ने पंजाब पुलिस एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव रखा, जिसे मंजूरी मिल गई है। यह बिल तब पास किया गया है, जब पंजाब में नियुक्त कार्यकारी डीजीपी गौरव यादव को एक साल पूरा होने वाला है। विधानसभा में पास बिल के अनुसार राज्य में एक कमेटी बनेगी, जिसमें 7 सदस्य होंगे।

जिसके अध्यक्ष पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस होंगे। कमेटी पुलिस अफसरों का पैनल फाइनल करके राज्य सरकार को भेजेगी। सरकार पैनल में से किसी एक अफसर को पंजाब का डीजीपी नियुक्त कर सकेगी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो रहा था। अभी तक राज्य सरकार नए डीजीपी के लिए केंद्र को सीनियर मोस्ट पुलिस अफसरों के नाम भेजती है। इसके बाद UPSC उनमें से तीन अफसरों का पैनल सलेक्ट करके राज्य सरकार को वापस भेजती है।

फिर UPSC के पैनल में शामिल तीन में से किसी एक अफसर को राज्य सरकार डीजीपी नियुक्त करती है। पास हुए एक्ट के अनुसार कमेटी में 7 सदस्य होंगे। जिसमें मुख्य सचिव, पंजाब पब्लिक सर्विस कमिशन के एक नॉमिनेटिड सदस्य, गृह विभाग का प्रबंधकीय सचिव, केंद्रीय विदेश मंत्रालय द्वारा नॉमिनेटिड और पंजाब पुलिस का एक सेवामुक्त डीजीपी इस कमेटी के सदस्य होंगे।

बिल में कहा गया है कि चुने गए तीन नामों में से मेरिट के आधार पर चुनाव किया जाएगा। चुने गए नए डीजीपी का कार्यकाल कम से कम तीन साल का होगा। इसके अलावा डीजीपी का पद खाली होने की स्थिति में, राज्य सरकार बराबर के किसी भी अधिकारी को अतिरिक्त चार्ज दे सकती है।