निजी अस्पताल को 18 लाख रुपये मुआवजा व 25 हजार रुपये कानूनी खर्च अदा करने के आदेश

निजी अस्पताल को 18 लाख रुपये मुआवजा व 25 हजार रुपये कानूनी खर्च अदा करने के आदेश

ऊना/सुशील पंडित: उपभोक्ता फोरम की भुवनेश अवस्थी की अदालत ने ऊना के एक निजी अस्पताल को 18 लाख रुपये मुआवजा नौ प्रतिशत ब्याज सहित चुकाने के आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा माननीय कोर्ट ने 25 हजार रुपए कानूनी खर्च भी शिकायतकर्ता को देने का आदेश दिए हैं। अधिवक्ता आशीष सचदेवा ने बताया कि पीड़ित राजीव वशिष्ठ वासी गांव ओयल तहसील अम्ब जिला ऊना ने अपनी पत्नी साक्षी जोकि गर्भवती थी को प्रसव के लिए ऊना के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया था। शिकायतकर्ता की पत्नी ने लड़के को जन्म दिया। लेकिन प्रसव के बाद मरीज की तबीयत सुधरने के बजाय ज्यादा खराब हो गई।

इसका जिम्मेदार शिकायतकर्ता ने निजी अस्पताल प्रबंधन के इलाज में की गई लापरवाही को बताया। मजबूरन शिकायतकर्ता को अपनी पत्नी को उपचार के लिए उसे पीजीआई चंडीगढ़ को ले जाना पड़ा। वहां उपचार के दौरान 24 फरवरी 2016 को पीड़ित की पत्नी की मौत हो गई। इसके बाद शिकायतकर्ता ने जिला उपभोक्ता फोरम ऊना में निजी अस्पताल के खिलाफ साल 2016 में शिकायत दर्ज करवाई। उपभोक्ता फोरम ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों के आकलन के बाद शिकायत को सही मानते हुए शिकायतकर्ता के हक में अपना फैसला सुनाया। कोर्ट की तरफ से दिए गए आदेशों में 15 लाख रुपए बच्चें के नाम पर जमा होंगे। इसके साथ ही उपभोक्ता फोरम ऊना ने निजी अस्पताल प्रबंधन को उपचार में की गई लापरवाही पर 18 लाख रुपये मुआवजा नौ प्रतिशत ब्याज के समेत और 25 हजार रुपये कानूनी खर्च अदा करने के आदेश जारी किए हैं। उपभोक्ता फोरम ने छोटे बच्चे के हित को ध्यान में रखते हुए 18 लाख में से 15 लाख रुपए की एफडीआर बच्चे के नाम बैंक में सुरक्षित रखने का आदेश भी सुनाया।