जालंधरः 24 घंटे बीत जाने के बाद भी Indo World और ईशांत शर्मा के खिलाफ नहीं हुई कोई कार्रवाई

जालंधरः 24 घंटे बीत जाने के बाद भी Indo World और ईशांत शर्मा के खिलाफ नहीं हुई कोई कार्रवाई

पीड़ित लोगों ने अब पुलिस कमिशनर को दी मामले की शिकायत 

जालंधर, ENS: गढ़ा रोड पर स्थित इंडो ट्रैवल वर्ल्ड इमीग्रेशन दफ्तर के एजेंट पर विदेश भेजने के नाम पर 5 लोगों से पैसे ठगने के आरोप 2 दिन पहले लगे थे। इस दौरान पीड़ित लोगों ने ट्रैवल एजेंट पर पैसे मांगने के दौरान मारपीट के आरोप लगाए थे। जिसके बाद पीडित पांचों लोग ट्रैवल एजेंट के दफ्तर के बाहर शांतिमय ढंग से प्रदर्शन कर इंसाफ की गुहार लगा रहे थे। पीड़ितों ने आरोप लगाया हैकि इस घटना के दौरान वहां पर ईशांत शर्मा कुछ बाउंसरों के साथ मौके पर आया और उन पर हमला करने लगा। इसकी वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई। लेकिन हैरानी की बात यह हैकि इस मामले को लेकर 24 घंटे से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अभी तक पुलिस द्वारा ट्रैवल एजेंट और ईशांत शर्मा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि बीते दिन पुलिस ने पीड़ित पक्ष को थाने बुलाया था, लेकिन वहां पर ईशांत शर्मा नहीं पहुंचा।

जिसके बाद पुलिस ने अब पीड़ित पक्ष को 2 दिन का समय दे दिया। इस बात से नाराज चल रहे पीड़ित पक्ष ने अब पुलिस कमिश्नर को  ट्रैवल एजेंट और ईशांत शर्मा के खिलाफ शिकायत की है और उनसे न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाते हुए कहां कि उन्हें सभी न्यूजीलैंड में ग्रुप वर्क परमिट पर भेजने झांसा देकर एजेंट के स्टाफ ने धोखा किया है। उन्होंने कहां कि न पैसे वापस किए न वीजा लगवाया उल्टा एजेंट के स्टाफ ने शिवसेना नेता बुला कर मारपीट की है। वहीं शिवसेना नेता ईशांत शर्मा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि उनके दोस्त की बहन उक्त ट्रेवल एजेंट के पास काम करती थी और पीड़ित परिवारों ने एजेंट के साथ साथ उसे गाली निकालते हुए मोबाइल छीन लिया और उसे दफ्तर में ताला लगाकर बंद कर दिया था, जिसे लेने के लिए गए थे और वह उसे लेकर वापस आ गए और उनकी तरफ से किसी के साथ भी मारपीट नहीं की गई।

जबकि वायरल वीडियों में ईशांत शर्मा के साथ आए बाउसंर सरेआम मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे है। इस मामले को लेकर पीड़ितों ने आरोप लगाते हुए कहा कि उक्त इमीग्रेशन दफ्तर के स्टाफ ने उनका चंडीगढ़ के सेक्टर 44 में स्थित फर्जी लैब से मेडिकल करवाया था, जिनकी रसीदें उनके पास है। उन्होंने कहा कि इस रसीद को वह पुलिस को सौंपकर उक्त मैडिकल लैब की जांच करने के लिए भी कहेंगे कि वह किसके नाम पर चल रही है। वहीं मामले को लेकर थाना 7 की प्रभारी अनु ने बताया कि मामला उच्च अधिकारियों के ध्यान में है और उच्च अधिकारी इस केस को डील कर रही है पीड़ित परिवारों के बयानों पर पुलिस बनती कार्रवाई जरूर करेगी और उन्हें इंसाफ जरूर मिलेगा। वहीं गांव सगोंवाल नकोदर के रहने वाले जरनैल सिंह ने बताया कि वह जमीन पानी के बोर करने का काम करता है। उसने 6 महीने पहले फेसबुक पर इंडो ट्रैवल वर्ल्ड इमीग्रेशन दफ्तर का विज्ञापन देखा था, जिसके बाद उसने ये काल करके दफ्तर में बातचीत की तो काल करने वाले रूही मैडम ने उसके दफ्तर में आकर मिलने को कहा उसने बताया कि वह उक्त ट्रैवल एजेंट के दफ्तर में गया तो सीया मैडम ने न्यूजीलैंड वर्क परमिट पर भेजने का कहा जिसका खर्च साढ़े 5 लाख 50 हजार रुपये बताया और पत्नी सहित अपना पासवर्ड मैडम को दे दिया।

कुछ समय बाद दफ्तर की तरफ से उन्हें काल आई मैडिकल और एम्बेसी फीस दोनों के 50 हजार रुपये देने के लिए कहा गया जो उसने दे दिए। उसने बताया कि पैसे दिनों के बाद कुछ समय बाद उक्त एजेंट के दफ्तर से उसे काल आई कि एक लाख रुपया जमा करवाना पड़ेगा। पीड़ित का कहना है कि पैसे लेते समय मैडम ने कहा था कि 15 दिनों में उनका वीजा आ जाएगा लेकिन 3 महीने बीत जाने के बाद उक्त ट्रेवल एजेंट के दफ्तर का स्टाफ उन्हें टालमटोल करता रहा। वहीं सुखदीप सिंह ने बताया कि इंडो ट्रैवल वर्ल्ड इमीग्रेशन दफ्तर में मौजूद मैडम ने उसे कहा कि न्यूजीलैंड में किसी कंपनी को 50 वर्कर की जरूरत है, जिसका खर्च में 5 लाख 50 हजार रुपये आएगा और पहले मैडिकल और एम्बेसी फीस देनी होगी 40 दिन में वीजा आ जाएगा तो उसने 30 हजार रुपये दे दिए, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। पीड़ित ने कहाकि 40 दिन से अधिक का समय भी बीत चुका है।

पीड़ित ने कहाकि दो दिन पहले जब वह उक्त ट्रैवल एजेंट के दफ्तर में आया तो वह उसके साथ एजेंट के गुंडों ने मारपीट की और जब उसने वीडियो बनाने चाही वह मोबाइल भी छीन कर ले गए। अन्य पीड़ित सतपाल सिंह ने बताया कि उक्त ट्रैवल एजेंट ने न्यूजीलैंड भेजने का झांसा दिया, जिसका खर्च 5 लाख 50 हजार रुपये बताया और कहा कि पहले डेढ़ लाख रुपया देने होंगे बाकी पैसे कंपनी में काम करने के कटवा देना। उसने मैडम की बातों में आकर डेढ़ लाख रुपये दिए। उसने बताया कि मैडम ने कहा था कि 15 दिनों में वीजा आ जाएगा लेकिन 3 महीने का समय बीत जाने के बाद जब वह दो दिन पहले एजेंट के दफ्तर में पहुंचा तो उनके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी गई। पीड़ित ने आरोप लगाए है कि इस मामले की शिकायत उसने थाना 7 की पुलिस को दी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।