गोडसे की पूजा करने वालों के लिए महात्मा गांधी कब पूजनीय हो गए: डॉ विजय डोगरा 

गोडसे की पूजा करने वालों के लिए महात्मा गांधी कब पूजनीय हो गए: डॉ विजय डोगरा 

अगर प्रदेश सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों को निकाला है तो यकीनन प्रदेश सरकार उन्हें ठोस नीति से वापस लाएगी

ऊना/सुशील पंडित : प्रदेशवासी आपदा की घड़ी में परेशान हैं और मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सरकार ढाल की तरह उनके साथ खड़ी है। राष्ट्रीय आपदा घो​षित करने की बजाए केंद्र सरकार और प्रदेश के भाजपा नेता मात्र ओछी राजनीति कर रहे हैं। यह बात प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता एडवोकेट विजय डोगरा ने ऊना विश्राम गृह में आयोजित पत्रकारवार्ता में कही। विजय डोगरा ने कहा कि  चुनाव देख भाजपा को महात्मा गांधी और पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री याद आते हैं। इन दिनों केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर मेरी माटी, मेरा देश अ​भियान का शुगूफा लेकर घूम रहे हैं अगर उन्हें इतनी ही गांव की मिट्टी की परवाह है तो जिन गांवों को उन्होंने विकास के लिए गोद लिया है आज वहां के लोग सुविधाओं से क्यों महरूम हैं। सच्चाई यह है कि गोडसे की पूजा करने वालों के लिए महात्मा गांधी कब पूजनीय हो गए ? हिमाचल प्रदेश में भी भाजपा नेता झूठ की राजनीति कर रहे हैं। अगर प्रदेश सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों को निकाला है तो यकीनन प्रदेश सरकार उन्हें ठोस नीति से वापस लाएगी।
देश में आज देश की राजनीति छलावे की है। प्रधानमंत्री प्रदेश में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा नहीं समझ रहे यह साबित करता है कि उनके मन में प्रदेशवासियों के लिए कितना दर्द है। राज्य में प्रकोप में सात जुलाई से लेकर प्रदेश में कई नुकसान हुए, देश की सरकार के कान पर पुर्न उत्थान के लिए जूं तक नहीं रेंगी।   अब दूसरी बार यहां नुकसान के आकलन के लिए केंद्र ने टीम भेजी है। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने  केंद्र को राज्य की मदद करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने अपनी जमा पूंजी से 51 लाख राहत कोष में दे दिए। फिर भी विपक्ष अपनी गंदी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहा। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी साकारात्मक भूमिका अदा नहीं की। डोगरा ने कहा कि केंद्र की ओर  से  400-400 करोड़ मिला वह प्रदेश का हक था।  लेकिन आपदा के नाम पर अभी तक कुछ नहीं दिया गया।  सीएम ने 4500 करोड़ रुपये का बहुत बड़ा जनता को राहत के लिए दिया है। इससे प्रदेश के विकास को राहत और गति मिलेगी। बेघर हुए लोगों को घर और बह चुकी जमीन के बदले प्रदेश सरकार जमीन प्रदान करेगी। सीमेंट, बिजली, पानी आदि का खर्च भी निर्माण तक बहन करेगी।