ऊना/ सुशील पंडित। एलडी विशेष न्यायाधीश-1 ऊना रणजीत सिंह ने मामले की सुनवाई करते हुए आज 23.07.2022 के आरोपी हरमोहिंदर सिंह गांव बसोली तहसील और जिला ऊना को दोषी करार दिया। एचपी ने एनडी एंड पीएस एक्ट 1985 की धारा 15 के तहत चार साल के कठोर कारावास और 35000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई एवं अर्थदंड अदा न करने पर छह माह का साधारण कारावास भुगतना होगा।
लगभग तीन साल पहले 20.03.2018 को शाम लगभग 4.30 बजे सूचना के आधार पर पुलिस पार्टी जिस में एसआई सरबजीत सिंह,एचसी बृज भूषण, एचएचसी प्रमोद कुमार, कांस्टेबल अनिल के साथ आबकारी अधिनियम, जुआ अधिनियम और एनडी पीएस अधिनियम आदि के तहत अपराध का पता लगाने के संबंध में एक निजी वाहन में गश्त ड्यूटी पर थे। तब मदनपुर में गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि बसोली चौक के पास आरोपी हरमोहिंदर पुत्र उज्जागर सिंह गांव बसोली तहसील जिला. ऊना (चुरा पोस्ट) पोस्त की भूसी को उसके रिहायशी घर में और अपने स्कॉर्पियो वाहन नंबर एचपी-03ए-3457 में छिपाकर अवैध बिक्री का कारोबार करता है।
इसकी सूचना पर पुलिस टीम आरोपी हरमोहिंदर सिंह पुत्र उज्जगर सिंह के घर की तलाशी शुरू की। पहली मंजिल की तलाशी के दौरान कमरे की खाली जगह में सोफा सेट और टीवी ट्रॉली के बीच लाल रंग की प्लास्टिक की बाल्टी रखी हुई मिली। तभी बाल्टी में एक कैरी बैग मिला और कैरी बैग खोलने पर पीले रंग के 13 पैकेट बरामद हुए। उक्त पैकेटों की जांच करने पर उसमें भूरे रंग का पदार्थ पाया गया जिसकी पहचान पोस्त की भूसी के रूप में हुई। बरामद पोस्त की भूसी को इलेक्ट्रॉनिक स्केल की मदद से तौला गया जो 2 किलो 872 ग्राम पाया गया।
इसके बाद आरोपी के घर के प्रांगण में खड़ी एक स्कॉर्पियो वाहन की तलाशी के दौरान पीछे की सीट के नीचे एक पीले रंग का प्लास्टिक का बोरा मिला। बोरी खोलने पर उसमें भूरे रंग का पाउडर पदार्थ युक्त 13 पारदर्शी पॉलीथिन पाया गया पॉलीथिन को आगे खोलने पर भूरे रंग के पदार्थ की पहचान पोस्ता भूसी के रूप में हुई। इसलिए पोस्त की भूसी का कुल वजन 15 किलो 512 ग्राम पाया गया उक्त वसूली के बाद चालान तैयार किया गया और उसे न्यायिक फैसले के लिए रखा गया।
अभियोजन पक्ष ने अभियोजन के मामले को साबित करने के लिए तेरह गवाहों का परीक्षण किया है। एल.डी. कोर्ट ऑफ स्पेशल जज – ll श्री रणजीत सिंह ने आरोपी के कृत्य को दोषी ठहराया और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 15 के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया। मामले की जांच एसआई सर्वजीत सिंह और एचसी विकास ने की थी।