हटली श्री राम कथा में प्रभु श्री राम जी ने किया मारीच सुबाहू का बध

हटली श्री राम कथा में प्रभु श्री राम जी ने किया मारीच सुबाहू का बध
संतो को रक्षा के लिए प्रभु श्री राम जी ने लिया था अवतार, इसलिए संतो का करें मान सम्मान: आचार्य डॉ सुमन शर्मा

ऊना/ सुशील पंडित: उपमंडल बंगाणा के श्री राम नाटक क्लब हटली में कल रही श्री राम कथा के चतुर्थ दिवस पर प्रसिद्ध कथा व्यास आचार्य डॉ सुमन शर्मा ने कहा कि जब प्रभु श्री राम जी को मुनि विश्वामित्र अपने यज्ञ की रक्षा करने के लिए अयोध्या आए। तो पहले तो राजा दशरथ ने बड़ी टालमटोल की। लेकिन बाद में श्री राम लक्ष्मण जी को मुनि विश्वामित्र के साथ भेज डीएम और प्रभु श्री राम जी ने पहले ताड़का फिर मारीच सुबाहू का बध किया। और देवी अहिल्या का उद्धार किया। कथा व्यास ने कहा कि प्रभु अपने भक्तो का हर समय दुख हरते हैं।

और संतो की रक्षा के लिए भगवान विष्णु जी ने महाराजा दशरथ के घर माता कौशल्या के गर्व से श्री राम अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि अवतार लेने से पूर्व भगवान विष्णु ने अपने चतुर्थभुज के रूप में माता कौशल्या को दर्शन दिए थे। और उन्हे बताया था। कि किस प्रकार आपने पिछले जन्म मुझे बेटे के रूप में पाने के लिए मेरे सामने प्रार्थना की थी। कथा व्यास ने कहा कि महाराजा दशरथ की तीन पत्नियां थीं। जिसमे रानी कौशल्या सबसे बडी थी। उन्होंने प्रभु श्री राम जी को जन्म दिया। रानी सुमित्रा के बीर लक्ष्मण और शत्रुघ्न हुए।

और रानी कैकेई ने भरत को जन्म दिया था। कथा व्यास ने कहा कि प्रभु श्री राम की हमेशा अपनी मर्यादा में रहे। और श्री रामायण में प्रभु श्री राम जी को पर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से प्रसिद्ध दी है। उन्होंने कहा कि वह धरती पवित्र बन जाती है। जहा पर निरंतर प्रभु का भजन कीर्तन होता है। उन्होंने कहा कि श्री राम नाम ही मनुष्य को भाव सागर पार लगाता है। इसलिए हर प्राणी को श्री राम नाम का जाम करना चाहिए। तभी मुक्ति संभव है। ज्ञात रहे श्री राम नाटक क्लब हटली बीते 66 वर्षो से शुद्ध रामायण मंचन करता आ रहा है।

और हर वर्ष नवरात्रों में श्री राम जी की मर्यादाओं का मंच से लीलाओं का बखान करता है। और हर वर्ष मार्च माह में श्री राम कथा का आयोजन करवाता है। इस मौके पर क्लव के निदेशक बिपन साजन, प्रधान सुरेंद्र हटली, महिला बिग की अध्यक्ष ज्योति वर्जाता, हंसराज वर्जाता अंकुश बरजाता, कोषाध्यक्ष, सुरेश शर्मा,महासचिव, कामलदेव शास्त्री, मदन गोपाल, रिंकू रिवाड, पूर्ण सिंह राणा, विवेकशील शर्मा, किशन देव शर्मा, सुरेंद्र राणा, संजय सोनी के अलावा सभी सदस्य मौजूद रहे।