ऊना/सुशील पंडित: हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना (जायका) चरण-2 के अंतर्गत खंड परियोजना प्रबंधन इकाई ऊना द्वारा उप परियोजना लोअर भंजाल में अनुदेशन और आवश्यकता मूल्यांकन विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण शिविर में कुल 36 किसानों ने भाग लिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता खंड परियोजना प्रबंधक अधिकारी डॉ. गुलशन मनकोटिया ने की। उन्होंने किसानों के साथ परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की तथा उन्हें बताया कि यह परियोजना किसानों की खेती-बाड़ी, रोजगार और जीवन स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से आरंभ की गई है।
ओरिएंटेशन सत्र के दौरान किसानों को यह समझाया गया कि यह योजना केवल सहायता प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि स्थायी विकास, तकनीकी ज्ञान और सशक्तिकरण के माध्यम से किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। डॉ. मनकोटिया ने बताया कि यह परियोजना किसानों की स्थानीय आवश्यकताओं, उपलब्ध संसाधनों और अनुभवों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है, ताकि हर किसान की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने प्रशिक्षण शिविर के दौरान किसानों को रबी सीजन के लिए किचन गार्डन किट वितरित की गई, जिससे वे अपने घरों में जैविक सब्जियों की खेती कर सकें और ज़हरमुक्त खेती को बढ़ावा मिले। कृषक विकास संघ के प्रधान बालकृष्ण सहित उपस्थित सभी किसानों ने किचन गार्डन किट एवं उपयोगी जानकारी प्रदान करने के लिए जायका परियोजना टीम का आभार व्यक्त किया। किसानों ने यह भी आश्वासन दिया कि वे किचन गार्डनिंग को अपनाकर स्वस्थ जीवनशैली की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। इस अवसर पर कृषि विशेषज्ञ मनीष शर्मा एवं कनिष्ठ अभियंता सुनील कुमार उपस्थित रहे।
