नई दिल्लीः दुनिया के सबसे बड़े और सबसे शक्तिशाली रॉकेट स्टारशिप ने सोमवार को एक और सफल परीक्षण उड़ान पूरी की। दक्षिण टेक्सास से उड़ान भरने के बाद रॉकेट ने न सिर्फ अंतरिक्ष की ऊंचाइयों को छुआ, बल्कि नकली उपग्रहों को तैनात करते हुए पृथ्वी का आधा चक्कर लगाकर भारतीय महासागर में उतरने का चरण भी सफलतापूर्वक पूरा किया। हालांकि उड़ान के अंत में न तो रॉकेट और न ही कोई हिस्सा पुनः प्राप्त किया जा सका। क्योकि मेक्सिको की खाड़ी में जा कर क्रैश हो गया। फिर भी यह परीक्षण मिशन स्पेसएक्स के लिए एक बड़ी सफलता साबित हुआ। कंपनी के संचार अधिकारी डैन हूट ने खुश होकर घोषणा की हे, स्टारशिप, धरती पर वापसी का स्वागत है।
यह स्टारशिप का 11वां पूर्ण पैमाने पर परीक्षण था, जिसे स्पेसएक्स के संस्थापक और सीईओ एलन मस्क भविष्य में मंगल तक मानव भेजने के उद्देश्य से तैयार कर रहे हैं। हालांकि नासा के लिए यह तकनीक और भी आवश्यक है क्योंकि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर इंसानों को उतारने की योजना में स्टारशिप अहम कड़ी है। नासा की योजना के अनुसार यह 403 फीट (123 मीटर) ऊंचा पुन: उपयोग योग्य रॉकेट चंद्रमा की कक्षा से सतह पर अंतरिक्ष यात्रियों को पहुंचाने और वापिस लाने का कार्य करेगा। एलन मस्क इस बार पहली बार लॉन्च कंट्रोल रूम के बाहर से रॉकेट लॉन्च देखने पहुंचे और कहा कि यह अनुभव और भी अच्छा है।
रॉकेट टेक्सास स्थित स्टारबेस से रवाना हुआ और लॉन्च के कुछ समय बाद सुपर हेवी बूस्टर नियोजित रूप से मेक्सिको की खाड़ी में नियंत्रित ढंग से प्रवेश कर गया। इसके बाद स्टारशिप ने अंतरिक्ष की सीमाओं को छूते हुए भारतीय महासागर की ओर रुख किया और वहां सुरक्षित स्प्लैशडाउन किया। इस दौरान स्पेसएक्स ने कई महत्वपूर्ण परीक्षण किए, विशेष रूप से उन परिक्रमणों और एंट्री टेकनीकों का अभ्यास किया गया जो भविष्य में रॉकेट को लॉन्च साइट पर उतारने में सहायक बनेंगे।
पिछली उड़ान की तरह इस बार भी स्टारशिप ने आठ नकली स्टारलिंक उपग्रहों को लेकर उड़ान भरी थी। इस मिशन का कुल समय लगभग एक घंटे का रहा और यह अमेरिका-मेक्सिको सीमा के पास स्थित स्टारबेस से लॉन्च हुआ। नासा के कार्यकारी प्रशासक शॉन डफी ने एक्स पर कहा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अमेरिकी मानव मिशन की दिशा में एक और बड़ा कदम है। नासा पहले ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए फाल्कन रॉकेट्स का उपयोग कर रहा है और अब फ्लोरिडा के केप कैनेवरल लॉन्च साइट्स को स्टारशिप के लिए भी अनुकूल बनाया जा रहा है।

