जालंधर, ENS: सिटी रेलवे स्टेशन पर उस समय हडकंप मच गया, जब बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान लोगों को पहले लगा कि कोई हादसा हो गया है, लेकिन बाद में पता चला कि उत्तर रेलवे और रेलवे सुरक्षा विभाग द्वारा मॉक ड्रिल चलाई जा रही है। इस दौरान रेलवे स्टेशन पर मौजूद टीम ने रेल दुर्घटना की संभावित स्थिति में बचाव कार्य करने और घायलों की मदद करने के लिए मॉक ड्रिल की गई। विभाग के कर्मी ने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य रेल हादसों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर आपातकालीन स्थितियों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना था।
ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि पिछले कुछ दिनों में रेल दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई थी। ऐसे में रेलवे ने अपनी बचाव टीम को किसी भी स्थिति से लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा है। ड्रिल के दौरान एक ट्रेन हादसे की स्थिति को क्रिएट की गई और टीम ने एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन और विभिन्न उपकरणों का उपयोग करते हुए डिब्बों को काटकर लोगों को बाहर निकालने का अभ्यास किया। टीम के पास कई उन्नत टूल्स थे जिनकी मदद से डिब्बों को तेजी से काटा गया। बचाव के लिए आए जवानों ने दुर्घटना के दौरान बचाव और राहत कार्य का पूर्वाभ्यास किया।
वहीं, मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने कहा- अगर आपातकालीन स्थिति में सहायता न मिले तो वे खुद अपनी और अपने साथी यात्रियों की मदद कैसे कर सकते हैं। रेलवे के अधिकारियों ने अपनी तकनीकों का प्रदर्शन किया। इस मॉकड्रिल का उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना था। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित किया गया कि टीम और स्थानीय बचाव एजेंसियां आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। यह अभ्यास नागरिकों की सुरक्षा और संकट की स्थिति में उनकी सहायता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। ड्रिल के दौरान नॉर्दन रेलवे के कई उच्च अधिकारी रेलवे स्टेशन पर मौजूद रहे।