होशियारपुरः गांव भागोवाल के रहने वाले युवक अमृतपाल सिंह ईरान में किडनैपर के चंगुल से निकलकर भारत वापस लौट आया है। जिससे गांव में खुशी की लहर दौड़ पड़ी और परिजनों ने राहत की सांस ली। परिवार ने बताया कि केंद्र सरकार और तेहरान सरकार के ज्वाइंट ऑपरेशन से बेटा गांव सुरक्षित लौटा है।
अमृतपाल ने बताया कि दिल्ली में दो बार फ्लाइट रद्द करवाने के बावजूद हमें एजेंट पर शक नहीं हुआ। एजेंट 1 मई को हमें ईरान के तेहरान एयरपोर्ट पर यह कहकर भेजा कि वहां डेढ़ दिन के स्टे के बाद ऑस्ट्रेलिया की फ्लाइट मिलेगी। तेहरान एयरपोर्ट पर सुल्तान नाम का आदमी आया और होटल जाने को कहा। एयरपोर्ट के बाहर उसके साथ हाजी और शेरा भी थे। तेहरान से डेढ़ घंटे के सफर के बाद हमें एक कमरे में ले गए और मोबाइल और पासवर्ड मांगने लगे। विरोध करने पर डॉकरों ने डंडे से पिटाई की और कहा, पैसे निकालो। मेरे पास 1000 डॉलर थे और जसपाल के पास 1060 यूरो डालर। पैसे लेने के बाद डॉकरों ने हमारे हाथ-पैर बांध मुझसे परिवार को कहलवाया कि 2 करोड़ रुपए दो तब इसे छोडूंगा।
रोजाना पिटाई करते हुए सौदेबाजी करते रहे। 17 दिन बाद 54 लाख रुपए की मांग करने लगे। जब घरवालों ने 1 लाख रुपए भेजे तो सुल्तान ने बताया कि मेरे खाते में पैसे नहीं आए। फिर हमें किसी दूसरे स्थान पर ले गए। वहां पीने के लिए पानी तक नहीं दे रहे थे। करीब 10 दिन पहले अचानक कमरे को बाहर से किसी ने नॉक किया। पाकिस्तानी डोंकरों को लगा कि उनका साथी सुल्तान आया होगा लेकिन कमरा खुलते ही ईरानी पुलिस के साथ गुप्तचर विभाग की टीम थी। उन्होंने सुल्तान को काबू कर लिया और भारतीय एंबेसी के अधिकारी ने हमे अपने साथ ले लिया। भारतीय दूतावास के अधिकारी सिद्धार्थ ने हमारी बहुत सेवा की। उनके प्रयास से ही हम अपनों के पास सुरक्षित घर लौट पाए हैं। परिवार ने केंद्र सरकार का अपने बेटे की भारत वापसी पर धन्यवाद किया है।