देहरादून: उत्तराखंड में हुई बारिश से कई पहाड़ी जिलों में जन-जीवन अस्तव्यस्त हो गया। दोपहर बाद कई जिलों में झमाझम बारिश हुई। चमोली जिले के थराली में अचानक तेज आंधी तूफान के साथ मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी। लगातार 3 घंटे की बारिश से बरसाती गदेरे और नालों में उफान आ गया। थराली देवाल मार्ग कोठी और ऊणी के बीच मलबा आने से बंद हो गया। जबकि मुख्य बाजार थराली में दुकानों के अंदर पानी और मलबा घुसने से छह से अधिक व्यापारियों का सामान बर्बाद हो गया। तहसील के ग्वालदम, थराली, डुंग्री, कुलसारी, तलवाड़ी सहित कई गांवों में हुई तेज बारिश से लोग सहम गए।
बारिश से थराली बाजार में बरसाती गदेरे के उफान पर आने से 10 से अधिक वाहन बरसाती मलबे की चपेट में आ गए। जबकि 6 से अधिक दुकानों में मलबा और पानी घुस गया। सूचना पर पहुंची तहसील प्रशासन की टीम ने किसी तरह वाहनों को मलबे से निकाला। वहीं देवाल मोटर मार्ग कोठी और ऊणी में मलबा आने से बंद हो गया। वहीं, थराली, केदारबगड़, राड़ीबगड़ सहित बाजारों में पानी भर गया। बारिश से कई घरों में भी पानी घुसा। तेज बारिश से त्रिकोट और भेंटा गदेरा उफान पर आ गया। वहीं थराली और गैरसैंण में ओलावृष्टि हुई। गैरसैंण के दिवालीखाल, भराड़ीसैंण, महरगांव, रामड़ा मल्ला, कुंजापानी आदि ऊंचाई वाले इलाकों में तेज बारिश हुई। किसान सुरेंद्र खत्री, सुरेश सिरस्वाल ने कहा कि माल्टा ,आडू, सरसों की फसलों को ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है।
वहीं नारायणबगड़ और आदिबदरी में भी बारिश हुई। देवाल के कोठी गांव के कोठी के भुवन चंद्र, पूर्व बीडीसी मेंबर सीमा बिष्ट, पुष्कर बिष्ट ने बताया कि ओलावृष्टि से कोठी, नंदकेशरी, ऊणी व आसपास के गांवों में कद्दू, लौकी, मिर्च आदि सभी सब्जियों की फसलों को नुकसान पहुंचा है। जिले में बारिश और ओलावृष्टि के बाद पुलिस-प्रशासन भी एक्टिव मोड पर आ गया। राहत व बचाव दल को सतर्क रहने की सख्त हिदायत दी गई है। बारिश की वजह से हुए नुकसान का आंकलन भी किया जा रहा है। तहसीलदार थराली अक्षय पंकज ने बताया कि जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। बताया कि थराली बाजार में हुए नुकसान का भी आकलन किया जा रहा है इसकी रिपोर्ट शीघ्र ही उच्च अधिकारियों को भेज दी जाएगी।