मोहाली: पंजाब में डीएपी खाद के 60 फीसदी सैंपल की रिपोर्ट फेल होने की सूचना सामने आई है। बताया जा रहा है सैंपल रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है। कहा जा रहा है कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री भगवंत मान एक्शन मोड में आ गए। वहीं इस मामले को लेकर कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री भगवंत मान को भेज दी है। सीएम भगवंत मान जल्द ही इस संबंध में सख्त फैसला ले सकते हैं। इसके अलावा सरकार निजी कंपनियों पर भी सख्ती कर रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक लोकसभा चुनाव के दौरान लगाए गए कॉड ऑफ कंडक्ट के दौरान डीएपी खाद के सैंपल लिये गये थे। पता चला है कि इनमें से 60 फीसदी सैंपल फेल हो गए हैं। यह मामला सबसे पहले मोहाली में सामने आया था। इसके अलावा कई जिलों में जांच कराई गई। बताया जा रहा हैकि लुधियाना जिले में भी जिंक के सैंपल फेल हुए हैं। अब सरकार सख्ती के मूड में है। इसके अलावा विभाग ने लंबे समय से एक ही स्थान पर बैठे अधिकारियों का रिकार्ड भी जुटाना शुरू कर दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले कृषि मंत्री ने इस मामले को लेकर बैठक की थी। इसमें उन्होंने सभी अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया कि घटिया डीएपी सप्लाई करने वाली कंपनी को किसी भी स्तर पर कोई राहत न दी जाए। कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि जिप्सम की बिक्री तय मानकों के अनुरूप होगी। जिप्सम बेचने का काम पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन के पास है। जल्द वे गुलाबी कैटरपिलर प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे।
पता चला है कि पंजाब विधानसभा की सहकारी समितियों और अन्य गतिविधियों पर कमेटी ने डीएपी खाद के मुद्दे पर संज्ञान लिया है। बताया जा रहा हैकि कमेटी ने मार्कफेड से डीएपी खाद का रिकॉर्ड मांगा है। सूत्रों के मुताबिक मार्कफेड निदेशक को 30 जुलाई तक व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा गया है। ऐसे में मार्कफेड निदेशक सहित कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।