नई दिल्ली: मथुरा-वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के विचार लोगों का काफी मार्गदर्शन करते हैं। इसी वजह से लोग उनसे मिलने के लिए दूर-दूर से आते हैं। अब हाल ही में कथावाचक पुण्डरीक गोस्वामी प्रेमानंद महाराज के दर्शन करने के लिए पहुंचे। पुण्डरीक गोस्वामी जी ने आश्रम में प्रवेश करते ही सबसे पहले प्रेमानंद महाराज का आशीर्वाद लिया और फिर उन्हें गले लगाया।
भेंट की राधा रमण की तस्वीर
पुण्डरीक गोस्वामी महाराज को देखकर बोले कि ठाकुर जी यहीं विराजते हैं फिर उन्होंने महाराज को सिर पर दुपट्टा उड़ाया और उन्हें राधा रमण की तस्वीर भेंट में दी। इसके बाद प्रेमानंद महाराज पुण्डरीक गोस्वामी से बोले कि राधा रमण मंदिर में आपके पिता जी ने जो दुलार किया था वो हमें याद है। हमारा उनसे कोई भी परिचय नहीं था परंतु उन्होंने हमें दुपट्टा ओढ़ाया, तुलसी दल दिया। उस समय आपके पिताजी का नाम बहुत ही ज्यादा प्रकाशित था परंतु दुर्भाग्य की बात है कि अब वो अंतर्ध्यान हो गए हैं जो उनके पास था वो आपके प्रदान करके चले गए। उसी कुल परंपरा से आप राधा रमण जी के प्रेम रस का वितरण करते हुए चल रहे हैं।
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डायलिसिस प्रक्रिया बहुत खराब है
इसके बाद प्रेमानंद महाराज ने पुण्डरीक गोस्वामी से कहा कि आज प्रभु ने हमें कृतार्थ कर दिया है। हम आपसे मिलना चाहते थे लेकिन ये डायलिसिस प्रक्रिया बहुत ही खराब है। इस प्रक्रिया में शरीर से एकदम हिम्मत खत्म हो जाती है खड़े होते हैं तो आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है और चक्कर आने लगते हैं इसलिए हम कहीं नहीं जा पाते हैं।
आखिर कौन है पुण्डरीक महाराज
पुण्डरीक गोस्वामी का जन्म 20 जुलाई 1988 को वृंदावन में हुआ था। वे मशहूर संत अतुल कृष्ण गोस्वामी मराहाज के पौत्र और श्रीभूति कृष्ण गोस्वामी महाराज के सुपुत्र है। उनके परिवार में 38 पीढ़ियों से भागवत कथा की परंपरा चल रही है। सिर्फ 7 साल की उम्र में उन्होंने भगवद् गीता पर प्रवचन दिया था जिसे सुनकर सभी हैरान हो गए थे।
