जालंधर, ENS: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या मामले में केंद्र सरकार को बलवंत सिंह राजोआणा की फांसी की सजा पर फैसला 15 अक्टूबर तक लेने की बात कही है। वहीं राजोआना को फांसी की सजा को लेकर सिख सगंठनों में रोष पाया जा रहा है। इसी को लेकर आज फिल्लौर से खालिस्तानी सगंठन के हल्का इंचार्ज सुरजीत सिंह ने कहा कि वह डीसी दफ्तर आज राजोआना की फांसी की सजा को रद्द करवाने के लिए मांग पत्र देने पहुंचे है। इस दौरान शिरोमणि अकाली दल अमृतसर की ओर से सिख सगंठन के नेता उनके साथ पहुंचे है।
उन्होंने कहा कि मांग पत्र में बंदी सिंहों की रिहाई और बलवंत सिंह राजोआना की फांसी की सजा रद्द किए जाने को लेकर पंजाब भर में मांग पत्र दिया जाएंगा। तकरीबन 2 सप्ताह पहले सुप्रीम कोर्ट राजोआणा की मर्सी पिटीशन पर सुनवाई में देरी के आधार पर उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त शब्दों में कहा था कि राजोआणा को अब तक फांसी क्यों नहीं दी? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? कम से कम उन्होंने तो फांसी पर रोक नहीं लगाई।
सुप्रीम कोर्ट के इन तल्ख सवालों पर केएम नटराज ने जल्द से जल्द जवाब देने की बात कही। इसके बाद मामले की सुनवाई 15 अक्टूबर तक के लिए टाल दी गई। बता दें कि बलवंत सिंह राजोआना के मामले में सुनवाई बुधवार को होने वाली है। लेकिन इससे पहले आज, सोमवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने अचानक अंतरिम कमेटी की बैठक को बुलाया है। एसजीपीसी ने 11 बजे को ही बैठक बुला ली है। इसमें राजोआना के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा एसजीपीसी बाढ़ पीड़ितों को बांटी जाने वाली राशी और जागृति यात्रा को लेकर भी बातचीत करेगी। एसजीपीसी सदस्यों का कहना है कि इस बैठक में राजोआना का मुद्दा ही अहम रहने वाला है।
