चंडीगढ़ः हरियाणा के सीनियर आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की कथित खुदकुशी मामले में महापंचायत ने चंडीगढ़ प्रशासन और राज्य सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। महापंचायत ने दिवंगत आईपीएस के परिवार के लिए इंसाफ की मांग करते हुए कहा है कि अगर डीजीपी शत्रुजीत कपूर को नहीं हटाया गया तो देशभर में आंदोलन होगा। संगठन ने स्पष्ट किया कि अगर 48 घंटे बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो भारत बंद का भी आह्वान किया जा सकता है। वही इस आंदोलन में शामिल चंडीगढ़ सफाई कर्मचारी यूनियन ने शहर की सफाई बंद करने की चेतावनी दी।
साथ ही यह भी चेतावनी दी है कि अगर 48 घंटे में कार्रवाई नहीं हुई तो चंडीगढ़ प्रशासक का घेराव किया जाएगा। चंडीगढ़ महापंचायत में फैसला लिया गया है कि हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर को 48 घंटे के अंदर उनके पद से हटाया जाए, नहीं तो हरियाणा और चंडीगढ़ प्रशासन के करीब 5 लाख वाल्मीकि समाज के कर्मचारी सरकारी काम छोड़ देंगे, जिससे सफाई व्यवस्था पर काफी फर्क पड़ेगा।
साथ ही चंडीगढ़ के प्रशासक का घेराव भी किया जा सकता है। दरअसल, आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के परिवार और हरियाणा सरकार के बीच गतिरोध जारी है। राज्य सरकार द्वारा अपने सभी मंत्रियों, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकारों और नौकरशाहों के दबाव डालने के बावजूद, परिवार पोस्टमार्टम के लिए राजी नहीं हुआ।
7 अक्टूबर से पूरन कुमार का शव परिवार की सहमति के इंतजार में मोर्चरी में पड़ा है। उनकी एक मांग को मानते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने रविवार को पूरन कुमार की कथित आत्महत्या के मामले में दर्ज एफआईआर में एससी/एसटी एक्ट (Section 3(2)(v)) के कठोर प्रावधान शामिल कर दिए। एसआईटी का नेतृत्व कर रहे आईजीपी पुष्पेंद्र कुमार ने एफआईआर में एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(v) को शामिल किए जाने की पुष्टि की।
