संघ के लक्ष्यों को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आत्मसात करें -कैप्टन राजेंद्र कुमार
संघ का स्वयंसेवक समाज के बीच रहकर राष्ट्र की संस्कृति, चरित्र और एकता की रक्षा करता है
डा. संजीव कुमार ने संघ के 100 साल के इतिहास पर ड़ाला प्रकाश
स्वयंसेवकों का जगह जगह हुआ पुष्प वर्षा से हुआ स्वागत
बद्दी/सचिन बैंसल: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सौ वर्ष पूर्ण होने और दूसरी शताब्दी मे प्रवेश करने पर बददी में विशाल पथ संचलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर भारतीय सेना से सेवानिवृत कैप्टन डा राजेंद्र शर्मा ने शिरकत की वहीं मुख्य वक्ता के तौर पर प्रांत विद्यार्थी कार्य प्रमुख डा.संजीव कुमार शामिल हुए। बददी नगर के संघ के स्वयंसेवकों में शताब्दी वर्ष को लेकर भारी उत्साह देखा गया और कार्यकर्ता सुबह 10 बजे सिटी स्कवेयर माल में एकत्रित हुए और उसके बाद नगर परिक्रमा करके वापिस सभा स्थल पहुंचे। पथ संचलन ने बसंती बाग,फेस तीन, साई रोड बददी व बिलांवाली गांव से होते हुए लेबर चौक के निकट सभा स्थल पर समाप्त हुआ।

इससे पहले कैप्टन डा. राजेंद्र शर्मा ने संघ के सौ वर्ष के पूर्ण होने व उसके सामाजिक योगदान पर प्रकाश ड़ाला और कहा कि यह विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है जो कि बिना किसी सरकारी सहायता के के चलता है। उन्होने कहा कि जिस प्रकार एक सैनिक सीमाओं पर खड़ा होकर राष्ट्र की रक्षा करता है, उसी प्रकार संघ का स्वयंसेवक समाज के बीच रहकर राष्ट्र की संस्कृति, चरित्र और एकता की रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि आज का युग चुनौतीपूर्ण है, परंतु संघ के स्वयंसेवक प्रत्येक परिस्थिति में राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए संघर्ष और सेवा के मार्ग पर अग्रसर हैं। उन्होंने सभी स्वयंसेवकों से आह्वान किया कि वे संघ के लक्ष्यों को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आत्मसात करें और भारत को पुन: वैभव के शिखर पर प्रतिष्ठित करें।
संघ केवल एक संस्था नहीं, बल्कि विचारधारा है-डा. संजीव
मुख्य वक्ता डाक्टर संजीव कुमार ने कहा कि विजय दशमी के दिन 1925 में नागपुर में संघ की स्थापना हुई और तब से विभिन्न उतार चढ़ावों के बीच यह राष्ट्रवादी संगठन आगे बढ़ता रहा है। उन्होने कहा कि संघ हिंदुओं का संगठन नहीं है बल्कि संपूर्ण समाज का संगठन है जो चाहता है कि भारत पुन: विश्व गुरु बने। उन्होने अपने उद्बोधन में संघ के उदयकाल और डॉ. हेडगेवार के जीवन-संघर्षों को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि डॉ. हेडगेवार ने जिस समय संघ की स्थापना की, वह काल राष्ट्र की विखंडित मानसिकता और दासत्व की वेदना से भरा था। ऐसे समय में उन्होंने संगठन ही शक्ति है का विचार जन-जन तक पहुँचाया। डा संजीव कुमार ने कहा कि संघ केवल एक संस्था नहीं, बल्कि वह विचारधारा है जो व्यक्ति में चरित्र, समाज में समरसता, और राष्ट्र में एकता का संचार करती है। उन्होंने सभी स्वयंसेवकों से आग्रह किया कि वे संघ के सिद्धांतों को केवल शाखा तक सीमित न रखें, बल्कि उन्हें अपने व्यवहार, परिवार और समाज में आत्मसात करें।
हमारी साधना केवल अपने लिए नहीं, बल्कि सम्पूर्ण समाज के कल्याण के लिए -महेश
आरएसएस के जिला नालागढ़ संघचालक महेश कौशल ने बताया कि संघ शताब्दी वर्ष केवल उत्सव का अवसर नहीं है, बल्कि यह आत्ममंथन, आत्मसुधार और नवनिर्माण का पर्व है। उन्होंने कहा संघ का शताब्दी वर्ष हमें यह स्मरण कराता है कि हमारी साधना केवल अपने लिए नहीं, बल्कि सम्पूर्ण समाज के कल्याण के लिए है कि शताब्दी वर्ष के अंतर्गत चल रहे सभी कार्यक्रमों को हमें जीवन के मूल्यों और सामाजिक चेतना के साथ जोडऩा चाहिए। प्रत्येक स्वयंसेवक को इस अवसर को एक आत्मसंस्कार यात्रा के रूप में देखना चाहिए।
मातृशक्ति व व्यापारियों ने की पुष्पवर्षा-
बददी बाजार व आवासीय कालोनियों से गुजरे शताब्दी वर्ष के संचलन पर जगह जगह जहां मातृशक्ति ने पुष्प वर्षा की वहीं व्यापारियों व व्यापार मंडल से जुडे सदस्यों ने पुष्पवर्षा करके स्वंयसेवकों का उत्साह वर्धन किया। बाजार से गुजरते संचलन के बीच भारत माता की जय, बंदे मातरम व तैरा वैभव अमर रहे हम दिन चार रहे न रहें कि उदघोष आम जन द्वार किए गए। वहीं नगर निगम द्वारा साई रोड बददी की मुरम्मत के लिए रविवार के दिन चुनने के कारण काफी समय तक लोगों को दिक्कतें भी झेलनी पड़ी। एक तो पथ संचलन उपर से मुरम्मत के कारण बददी पुलिस के अधिकारियों व संघ के स्वयंसेवकों ने ट्रैफिक भी बखूबी संभाला।

