600 से 700 परिवारों को हो रहा फायदा
पठानकोटः जिले के मध्य पहाड़ी क्षेत्र धार में कई परिवार रेशम के कीड़ों से रेशम बनाकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। इस व्यवसाय में पंजाब सरकार का रेशम उत्पादन विभाग वर्ष में तीन बार अन्य राज्यों से रेशम कीटों के बीज मंगवाता है तथा 15 दिन तक उनकी देखभाल करने के बाद इन रेशम कीटों को देखभाल के लिए किसानों को दे दिया जाता है। जिसके बाद ये रेशम के कीड़े कोकून का उत्पादन करते हैं, किसान इस 2 महीने की फसल को कई राज्यों में व्यापारियों को बेचकर भारी मुनाफा कमाते हैं।
रेशम कीट पालक मनोहर लाल इल्ली और कुलदीप सिंह ने बताया कि वे कई वर्षों से इस व्यवसाय को साइड बिजनेस के रूप में करते आ रहे हैं, जिसमें उनका पूरा परिवार मिलकर रेशम कीट पालता है। इस सारे काम में उन्हें विभाग से काफी मदद मिलती है। अब, वे कहते हैं, विभाग रेशमकीट पालन के लिए विशेष कमरे बनाने के लिए अनुदान देता है और वे कुछ ही दिनों में अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं। रेशम पालन विभाग के प्रबंधक अवतार सिंह ने बताया कि विभाग केंद्रीय रेशम बोर्ड से रेशम कीटों के बीज खरीदता है तथा इन कीटों को एक निश्चित तापमान पर रखता है।
जिसके बाद इन्हें पालन के लिए किसानों को दे दिया जाता है। अवतार सिंह ने कहा कि इस कार्य को और बढ़ावा देने के लिए सरकारों द्वारा अनेक पहल की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पहले पठानकोट जिले में रेशम मिलों से ही रेशम का उत्पादन होता था और अब एरी और टसर से भी रेशम का उत्पादन किया जा रहा है। ऐसा करने से पंजाब उत्तरी क्षेत्र में तीन प्रकार के रेशम का उत्पादन करने वाला पहला राज्य बन जाएगा। उन्होंने कहा कि कीट पालन में विभाग इन लोगों की काफी मदद करता है और जब इन कीटों से रेशम का उत्पादन होता है तो कई राज्यों से व्यापारी इन्हें खरीदने आते हैं। इस व्यवसाय से किसान बहुत लाभ कमाते हैं।