बठिंडाः जिले में अस्पताल में उस समय हंगामा हो गया, जब गर्भवती महिला की मदान अस्पताल में ईलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना में महिला और बच्चे की मौत हो गई। महिला ने कहाकि वह जेठानी मंजू को लेकर उपचार के लिए अस्पताल लेकर आए थे। अब डॉक्टर द्वारा जेठानी की बच्चेदानी में ऑयल फसंने की बात कही जा रही है। महिला का आरोप है कि अगर बच्चेदानी में ऑयल फंस गई थी तो फिर मरीज को छुट्टी क्यों अस्तपाल द्वारा दे दी गई।
इस दौरान कहा कि अगर मरीज को कोई दिक्कत हुई तो मरीज को यहां ना लेकर आना बल्कि एम्स में उपचार के लिए सीधा ले जाना। महिला का आरोप है कि मंजू को छुट्टी मिलने के बाद घर पर अगले दिन उसकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद जब अस्पताल में लाया गया। इस दौरान जब डॉक्टर ने देखा कि मरीज का बीपी डाउन हो गया और बाद में डॉक्टर ने एम्स में रैफर कर दिया। जहां एम्स में महिला की मौत हो गई।
महिला का आरोप है कि एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की बच्चेदानी में ऑयल फंसी हुई है। जहां ईलाज के दौरान महिला और उसके गर्भ में पल रहे 6 माह के बच्चे की मौत हो गई। मृतक के परिवार वालों ने प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है, उनका कहना है कि इलाज सही नहीं होने के कारण ही मौत हुई है और उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए।
दूसरी ओर, मैदान अस्पताल की डॉक्टर ऊषा ने बताया कि उन पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे सब गलत हैं। डॉक्टर का कहना है कि वह 40 साल से काम कर है और अब तक ऐसा कोई केस नहीं आया। डॉक्टर ने कहा कि पहले ही मरीज के परिवार को बता दिया था कि इसे एएमएस अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवा दो, क्योंकि उसकी तबियत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही थी।