मोगाः पंजाब में लगातार हो रही बारिश और विभिन्न जिलों में बने बाढ़ जैसे हालात के बाद सतलुज नदी ने फाजिल्का के गांवों में रौद्र रूप अपना लिया है। क्षेत्रीय आप विधायक नरेंद्र पाल सिंह सवाना प्रभावित गांवों में पहुंचे। फाजिल्का का गांव मुहार जमशेर तीन तरफ से पाकिस्तान और एक तरफ सतलुज नदी से घिरा है, वहां बाढ़ की सबसे ज्यादा आशंका जताई जा रही है। हरिके हेड से हुसैनीवाला की तरफ लाखों क्यूसिक पानी छोड़ा गया है। आप विधायक ने ग्रामीणों से कहा कि राहत शिविरों में लोगों के खाने-पीने, रहने, नहाने और शौचालय की व्यवस्था है। मवेशियों के चारे का पर्याप्त प्रबंध भी किया गया है। उन्होंने कहा कि यह हालात कुछ दिन बाद खत्म हो जाएंगे, तब वह अपने गांवों लौट सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रबंध किए हैं, किसी को घबराने की जरूरत नहीं है।
मोगा में सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ने से पांच गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। यहां पांच राहत शिविर बनाए गए हैं। एसडीएम धर्मकोट चारूमिता ने बताया की मंगलवार को 80 लोगों को बचाया गया। कुछ लोग अब भी फंसे हैं। उन्हें निकालने के लिए अभियान चल रहा है। लुधियाना में स्थित वेरका मिल्क प्लांट रोजाना भोजन के पैकेट तैयार करेगा। पंजाब सरकार ने यह जिम्मेदारी सौंपी है। यहां तैयार किया गया खाना राहत शिविरों में रहने वाले बाढ़ प्रभावितों को बांटा जाएगा।
लुधियाना की डिप्टी कमिश्नर सुरभि मलिक ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की बाढ़ प्रभावित को राहत देने के लिए की गई घोषणा के तहत वेरका प्लांट में भोजन के पैकेट तैयार करने को कहा है। प्रत्येक पैकेट में दो पैकेट बिस्कुट, दो बोतल पानी, दो पैकेट सूखा दूध, ब्रेड, पिन, चम्मच, कप, मोमबत्तियां और माचिस की तीलियां होंगी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन प्रभावित लोगों को अधिकतम मदद सुनिश्चित करेगा। डीएफएससी संजय शर्मा ने कहा कि हम रोज कम से कम 5000 खाने के पैकेट तैयार करने में सक्षम हैं लेकिन लुधियाना और मोगा प्रशासन की मांग को देखते हुए यह संख्या बढ़ाई जा सकती है।
