ऊना/सुशील पंडित: भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के तहत जिला ऊना की सलाहकार समिति की चैथी बैठक शुक्रवार को कार्यकारी उपायुक्त ऊना महेंद्र पाल गुर्जर की अध्यक्षता में आयोजित हुई।बैठक में महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि जिला में लगभग 912 फूड लाइसेंस ऑपरेटर और 9379 फूड बिजनेस ऑपरेटर भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण एक्ट के तहत पंजीकृत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि खाद्य निर्माताओं को प्रतिवर्ष वार्षिक रिटर्न जमा करवानी होती है, रिटर्न न भरने पर खाद्य निर्माताओं को जुर्माने के साथ रिटर्न भरनी होती है। उन्होंने बताया कि लाइसेंस बनाने के लिए www.foscos.fssai.gov.inपर आवेदन किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड के तहत जिला में 139 नमूने एकत्रित किए गए हैं, जिसमें से 17 सैंपल मिस ब्रैंड्ड जबकि 1 नमूना गुणवत्ता मानकों में ठीक नहीं पाया गया, जिसके तहत खाद्य निर्माताओं को एक्ट के अनुसार जुर्माना डाला गया। उन्होंने बताया कि मीड डे मील वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर व आबकारी एवं कराधान के लिकर वेंडर भी एक्ट की श्रेणी में आते हैं। उन्होंने इन सभी को भी बिजनेस ऑपरेटर लाइसेंस के तहत पंजीकरण करवाने को कहा | महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि बिजनेस ऑपरेटर्स खाद्य सामग्री बनाने के लिए रिफाईंड तेल का प्रयोग तीन बार से अधिक न करें। उन्होंने बताया कि प्रयोग में लाए गए तेल को सरकार 30 रूपये प्रति लीटर के हिसाब से बिजनेस ऑपरेटरों से खरीद कर रही है। इस तेल का प्रयोग बायो डीजल के लिए किया जाता है। जिला में अब तक दुकानदारों व होटलों से लगभग 1,261 लीटर तेल एकत्रित किया गया है। इस अवसर पर सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा जगदीश धीमान, जिला स्वास्थ्य अधिकारी ऊना डॉ सुखद्वीप सिंह सिधू, डीएफएससी राजीव शर्मा, व्यापार मंडल के महामंत्री रोहित शर्मा, उपनिदेशक कृषि कुलभूषण धीमान, डीआईसी मैनेजर अखिल शर्मा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
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