गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद में परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले बच्चों की संख्या लगातार कम होने के कारन, अब 50 से कम छात्रों वाले 423 स्कूलों को बंद कर नजदीकी विद्यालयों में विलय की तैयारी की जा रही है। इस निर्णय से न केवल बच्चों की शिक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ेगा, बल्कि गरीब परिवारों पर भी आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
गांवों में अधिकतर गरीब परिवारों के बच्चे अपने नजदीकी स्कूलों में पढ़ाई करते हैं। वहीं, इस स्कूलों के बंद होने के बाद उन्हें अपने घर से दूर स्कूल जाना पड़ेगा, जिसके लिए उन्हें या तो पैदल जाना होगा या फिर किसी सवारी का खर्च उठाना पड़ेगा। जिसका बोझ गरीब परिवारों पर पड़ेगा।
स्कूलों के विलय होने के बाद न केवल बच्चों, बल्कि शिक्षकों पर भी इसका असर पड़ेगा। 423 स्कूलों के बंद होने से कई शिक्षकों का स्थानांतरण होगा या उन्हें नई जगह पर जाना पड़ेगा। इससे उनके ऊपर काम का बोझ बढ़ेगा, क्योंकि विलय के बाद बड़े स्कूलों में बच्चों की संख्या में वृद्धि होगी। ऐसे में शिक्षकों के लिए व्यक्तिगत ध्यान देना मुश्किल हो सकता है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार और करोड़ों रुपये की योजनाएं चलाईं, लेकिन बच्चों की संख्या में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई। जुलाई में बीएसए द्वारा शिक्षकों को नोटिस भेजे जाने के बाद भी सुधार नहीं हुआ। यह साफ है कि गरीब परिवारों के बच्चों के लिए शिक्षा की पहुंच और भी कठिन होती जा रही है। यह बदलाव उनके भविष्य पर गहरा असर डाल सकता है।