जालंधर/विजयः इनोसेंट हार्टस के पाँचों स्कूलों (ग्रीन मॉडल टाऊन, लोहारां, कैंट जंडियाला रोड, रॉयल वर्ल्ड व कपूरथला रोड) के विद्यार्थियों ने वर्ल्ड कंजर्वेशन डे के उपलक्ष्य पर सस्टेनेबल यूज ऑफ वेस्ट मटीरियल थीम पर वेस्ट मटीरियल से साइंस के वर्किंग व नॉन वर्किंग मॉडल बनाकर अपने भीतर निहित प्रतिभा का परिचय दिया। उन्होंने अर्थ साइंस, फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी एवं एनवायर्नमेंटल साइंस पर नवाचार प्रयोगों द्वारा साइंस के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न मॉडल्स/ प्रोजेक्ट जैसे हारनैसिंग सोलर एनर्जी, वॉटर डिस्पेंसर, 3-आरस (रीयूज, रिड्यूस, रीसाइकिल), एनिमल सेॅल, न्यूरॉन, माइक्रोस्कोप, वेॅल, वॉटर साइकिल, सॉइल इरिगेशन आदि तैयार किए। अपने द्वारा तैयार किए मॉडल्स का विवरण प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया कि ये मॉडल्स/प्रोजेक्ट कैसे काम करते हैं और किस तरह हमारे लिए उपयोगी हो सकते हैं?
तत्पश्चात साइंस शिक्षिका द्वारा विद्यार्थियों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के संबंधित संपूर्ण जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियाँ विद्यार्थियों की साइंस विषय में न केवल रुचि को बढ़ावा देती हैं, बल्कि मूल बातें सीखने में भी मदद करती हैं तथा विज्ञान की विभिन्न बुनियादी अवधारणाओं को समझने में विद्यार्थियों को सक्षम बनाती हैं।
उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हर विद्यार्थी में कोई न कोई प्रतिभा अवश्य छिपी होती है, उन्हें अपनी सूझबूझ, चिंतन व बुद्धि कौशल का परिचय देते हुए साइंस में नवाचार प्रयोग अवश्य करने चाहिए।
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