जयपुरः राजस्थान की राजधानी जयपुर में एयरपोर्ट पर लैडिंग के दौरान विमान क्रैश हो गया। हालांकि सच में हादसा नहीं हुआ है, दरअसल, लगातार हो रहे विमान हादसों के चलते यहां एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें लैंडिंग के दौरान विमान में आग लगने की स्थिति में पैदा हुए हालात से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया गया।मॉक ड्रिल के दौरान एक विमान में लैंड करते समय आग लग जाती है। उसमें उस समय करीब 70 यात्रियों के साथ छह क्रू मेंबर सवार थे। आग लगते ही पायलट विमान की रफ्तार को कंट्रोल करता है।
प्लेन के रुकते ही क्रू के सभी इमरजेंसी एग्जिट खोल देते हैं और कुछ ही सेकेंड में यात्रियों को बाहर निकाला जाता है। देखते ही देखते, दमकल विभाग की गाड़ियों व एम्बुलेंस मौके पर पहुंच जाते हैं और हादसे में घायल यात्रियों को लेकर एयरपोर्ट पर बनाए गए मेडिकल यूनिट में पहुंचाते हैं। मॉक ड्रिल के तहत, क्रिएट किए सीन में एयरपोर्ट रेस्क्यू एंड फायर फाइटिंग टीम, एयरपोर्ट ऑपरेशन, सीआईएसएफ, बीसीएएस, प्रदेश पुलिस, स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी, दमकल विभाग, एसडीआरएफ की टीम, स्थानीय सेना की टीम समेत सभी एयरलाइंस के अफसर व कर्मचारी मौजूद थे।
वहीं मॉक ड्रिल के बाद पाया गया कि पूरी कार्रवाई के दौरान अधिकतम दो यात्रियों की मृत्यु की स्थिति उत्पन्न हुई, जबकि 18 जख्मी हुए और बाकी को सुरक्षित निकाल लिया गया। इस मॉक ड्रिल के दौरान, सभी एजेंसीज का रिस्पांस टाइम एक मिनट 30 सेकेंड था। यानी, काठमांडू एयरपोर्ट जैसा हादसा अगर जयपुर एयरपोर्ट पर होता है तो एजेंसियों के एक्टिव होने में केवल डेढ़ मिनट लगेगा।