नई दिल्ली। भारत ने सिंधु जल समझौते में बदलाव की मांग की है। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वो दोनों देशों के बीच हुए एक पुराने समझौते, सिंधु जल संधि, में बदलाव चाहता है। यह समझौता दोनों देशों के बीच नदियों के पानी के बंटवारे के बारे में है। इस संबंध में भारत की ओर से एक औपचारिक नोटिस पाकिस्तान को भेजा गया है। दोनों देशों के बीच 1960 में इस संबंध में सिंधु एवं अन्य पांच नदियों के जल के इस्तेमाल को लेकर समझौता किया गया था। सिंधु जल समझौते के आर्टिकल 12 (3) के अनुसार इसके प्रावधानों में समय-समय पर बदलाव किए जा सकते हैं, ताकि दोनों देशों के हितों की पूर्ति की जा सके। भारत ने 1960 के समझौते में बदलावों की मांग को लेकर कुछ तर्क भी दिए हैं कि आखिर क्यों इसकी जरूरत है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार भारत सरकार की ओर से कहा गया है कि 1960 से अब तक परिस्थितियां काफी बदल गई हैं। ऐसी स्थिति में सिंधु जल समझौते की शर्तों में कुछ बदलाव करने की जरूरत है।
इसके लिए खासतौर पर तीन कारण गिनाते हुए भारत ने कहा कि 1960 में तय की गई शर्तों का अब कोई आधार नहीं बचता है। तब से अब तक चीजों में काफी परिवर्तन आ गया है। पहला कारण यह बताया गया है कि जनसांख्यिकी में परिवर्तन हुआ है। इसके चलते पानी के कृषि एवं अन्य चीजों में इस्तेमाल में भी परिवर्तन आया है। इसके अलावा भारत हानिकारक गैस उत्सर्जन को खत्म कर क्लीन एनर्जी की ओर बढऩा चाहता है।
इधर, पाकिस्तान ने अभी तक इस मामले बारे में कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन माना जा रहा है कि पाकिस्तान इस बदलाव के खिलाफ होगा क्योंकि इस समझौते से उसे काफी फायदा होता है। भारत और पाकिस्तान के बीच पानी को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है।
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