मुबंईः सलमान खान के घर के बाहर 2 दिन पहले हमलावारों द्वारा फायरिंग की गई थी। इस मामले में मुबंई पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि घटना को लेकर बीते दिन सीएम शिंदे भी सलमान खान के घर उनके परिवार के साथ मुलाकात करने के लिए गए थे। जहां उन्होंने सलमान को सिक्योरिटी अधिक मुहैय्या करवाने का आश्वासन दिया था। वहीं उन्होंने लारेंस को लेकर चेतावनी दी थी कि यहां पर किसी लारेंस की नहीं चलेंगी। यहां मुंबई पुलिस सख्त कार्रवाई करेंगी। वहीं फायरिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए सागर पाल के पिता जोगिंदर शाह ने कहा कि वह इस घटना में अपने बेटे की संलिप्तता के बारे में जानकर स्तब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में सोशल मीडिया से जानकारी मिली कि सागर इस केस में संलिप्त है। मैं इससे काफी हैरान हूं। उन्होंने कहा कि हम नहीं जानते कि यह कैसे हुआ। वह पहले कभी किसी अपराध में शामिल नहीं था। बता दें कि मुंबई क्राइम ब्रांच ने रविवार को सलमान खान के बांद्रा स्थित घर के बाहर फायरिंग के मामले में बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के महसी गांव के रहने वाले सागर पाल (21) और विक्की गुप्ता (24) को गुजरात के कच्छ से गिरफ्तार किया है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक सागर पाल के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं, उन्होंने कहा कि वह एक साधारण व्यक्ति हैं। वह जालंधर (पंजाब) में काम कर रहे थे, उन्हें नहीं पता कि सागर मुंबई कैसे पहुंचा।
मुंबई पुलिस के मुताबिक सलमान खान के घर के बाहर 5 राउंड फायरिंग करने के बाद सागर पाल और विक्की गुप्ता भाग रहे थे। उन्हें सोमवार रात गुजरात के कच्छ जिले के एक गांव से उठाया गया। पश्चिम चंपारण के पुलिस अधीक्षक डी अमरकेश ने कहा कि आरोपी के परिवार के किसी भी सदस्य को गिरफ्तार नहीं किया गया है।जानकारी के मुताबिक गिरफ्तारी से पहले दोनों आरोपियों ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करते हुए और पुलिस से बचने के लिए कई रूट बदले थे। इस तरह दोनों आरोपी मुंबई से गुजरात के भुज भाग गए थे। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने मुंबई पुलिस को बताया कि गोलीबारी की घटना के बाद उन्होंने दोपहिया वाहन को माउंट मैरी चर्च के पास फेंक दिया और बाद में बांद्रा रेलवे स्टेशन पहुंचने के लिए एक ऑटोरिक्शा लिया।
बांद्रा स्टेशन से आरोपी बोरीवली जाने वाली लोकल ट्रेन में चढ़ गया और बांद्रा से दूसरे स्टॉप सांताक्रूज़ रेलवे स्टेशन पर उतर गया। सांताक्रूज़ से वे वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे की ओर पैदल आगे बढ़े। जबकि वकोला से आरोपी सूरत की ओर निकल गए। सूत्रों ने बताया कि सूरत में उन्होंने पिस्तौल को एक तालाब में फेंक दिया और फिर रेलवे स्टेशन गए, लेकिन उन्हें भुज के लिए कोई ट्रेन नहीं मिली। इसलिए, उन्होंने गुजरात के अहमदाबाद पहुंचने के लिए बस लेने का फैसला किया। अहमदाबाद से उन्होंने फिर भुज पहुंचने के लिए बस ली। आरोपी कच्छ के माता नो मढ़ गांव के एक मंदिर में छिपे हुए थे।
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