नई दिल्ली: अमेरिकी दूतावास ने जालंधर के एक एजेंट के खिलाफ मामल दर्ज करवाया है। FIR के अनुसार अमेरिकी दूतावास के एक प्रतिनिधि ने बताया कि 22 अप्रैल 2025 को जतिंदर सिंह ने नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास में गैर-आप्रवासी वीज़ा के लिए आवेदन किया था। जतिंदर ने कहा कि वह 4 फरवरी 1992 को पंजाब के होशियारपुर जिले के तलवंडी डड्डियां में जन्मे हैं और अपनी पहचान के प्रमाण के रूप में भारतीय पासपोर्ट प्रस्तुत किया।
जतिंदर द्वारा दुतावास मे 11 अप्रैल 2025 को पैनासिया मेडिकल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा जारी एक रोजगार पत्र जमा करवाया था। जिस पर अनुसंधान एवं विकास निदेशक के हस्ताक्षर थे। इसके इलावा मार्च 2025 के महीने की पेरोल पर्ची, 22 मार्च 2025 की तारीख वाला अमेरिकी न्यूरोरैडियोलॉजी सोसाइटी का निमंत्रण पत्र और डॉ. जतिंदर सिंह के नाम का एक विज़िटिंग कार्ड। जिसमें जतिंदर का पद न्यूरो डायग्नोस्टिक मैनेजर दर्शाया गया था। उन्होंने अपनी वैवाहिक स्थिति शादीशुदा और पत्नी का नाम नवदीप कौर बताया था।
22 अप्रैल 2025 को अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों के सामने दौरान जतिंदर ने कबूल किया कि वह कभी पैनासिया मेडिकल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड में कार्यरत नहीं थे और न ही वे कभी न्यूरो डायग्नोस्टिक का मैनेजर था । दस्तावेज़ों में उसकी शादी नवदीप कौर से बताई गई थी। जबकि वास्तव में वह “अविवाहित” हैं और नवदीप कौर को जानता भी नहीं है।
जतिंदर सिंह ने बताया कि धोखाधड़ी भरे रोजगार दस्तावेज़ उसे पंजाब के जालंधर में रहने वाले राजिंदर शर्मा ने उपलब्ध कराए थे। वीज़ा मिलने के बाद राजिंदर शर्मा को 15 लाख का भुगतान करना तय हुआ था। अमेरिकी दूतावास की शिकायत पर चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन मे दोनों के खिलाफ BNS की धाराओं 318(4),319(2),336(3),340(2),61(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।