अवनि लेखरा का 11 साल की उम्र में हुआ था एक्सिडेंट, कई साल रहीं बिस्तर पर, अब गोल्ड जीतकर रचा इतिहास

अवनि लेखरा का 11 साल की उम्र में हुआ था एक्सिडेंट, कई साल रहीं बिस्तर पर, अब गोल्ड जीतकर रचा इतिहास अवनि लेखरा का 11 साल की उम्र में हुआ था एक्सिडेंट, कई साल रहीं बिस्तर पर, अब गोल्ड जीतकर रचा इतिहास

पेरिस। ‘वंडर गर्ल’ अवनि लेखरा पैरालम्पिक खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई जिन्होंने टोक्यो के बाद पेरिस पैरालम्पिक में भी महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच 1) स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता जबकि भारत की मोना अग्रवाल को कांस्य पदक मिला। तीन साल पहले तोक्यो में स्वर्ण जीतने वाली 22 वर्ष की अवनि ने 249 . 7 का स्कोर करके अपना ही 249 . 6 का पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त किया। वहीं दो साल पहले निशानेबाजी में पदार्पण करने वाली मोना ने 228 . 7 के स्कोर के साथ कांस्य पदक जीता।

 

11 वर्ष की उम्र में हुआ था कार दुर्घटना
11 वर्ष की उम्र में कार दुर्घटना में कमर के नीचे के हिस्से में लकवा मारने के कारण अवनि व्हीलचेयर पर निर्भर हैं। वह टोक्यो पैरालम्पिक 2021 में निशानेबाजी में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला निशानेबाज बनी थीं। एसएच 1 वर्ग में वे खिलाड़ी होते हैं जिनकी बाजुओं, कमर के निचले हिस्से , पैरों में विकृति होती है या उनकी बाजू नहीं होती है। क्वालीफिकेशन में गत चैम्पियन अवनि ने 625 . 8 स्कोर किया और वह इरिना एस के बाद दूसरे स्थान पर रही । दो बार विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली मोना ने क्वालीफिकेशन में 623 . 1 स्कोर करके पांचवां स्थान हासिल किया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने अवनि लेखरा को गोल्ड जीतने पर दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अवनि लेखरा को पैरालंपिक गेम्स में गोल्ड जीतने पर बधाई दी है। पीएम मोदी ने लिखा, ‘भारत ने पैरालंपिक 2024 में पदकों का खाता खोला। अवनि लेखरा को 10M एयर राइफल SH1 इवेंट में स्वर्ण जीतने के लिए बहुत-बहुत बधाई। उनका समर्पण भारत को गौरवान्वित करता है। पीएम ने मोना अग्रवाल को भी बधाई दी।

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